Gaming Companies Demands Clear Policy From PM Modi Govt?: दुनिया भर के तमाम देशों की तरह आज के डिजिटल दौर में भारत भी तेजी से गेमिंग इंडस्ट्री के विस्तार का गवाह बन रहा है। लेकिन अन्य कुछ क्षेत्रों से उलट कहीं न कहीं इस सेक्टर में देश के भीतर स्पष्ट नीति का अभाव देखनें को मिलता है। और अब इसी के चलते शायद देश के लगभग 70 वीडियो गेम स्टूडियो और ईस्पोर्ट्स कंपनियों के एक समूह ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखा है।
इन कंपनियों से प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के नाम लिखे पत्र में सरकार से गेमिंग क्षेत्र से संबंधित व्यापक व स्पष्ट पॉलिसी पेश करने का आग्रह किया है। इसका खुलासा MoneyControl की एक हालिया रिपोर्ट के तहत हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, पीएमओ को पत्र लिखने वाले इस समूह में Dot9 Games, Outlier Games और SuperGaming जैसी दिग्गज कंपनियाँ भी शामिल हैं।
Gaming Companies Wrote Letter To PM Modi
असल में इन कंपनियों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में गेमिंग सेक्टर को लेकर एक व्यापक पॉलिसी का अनुरोध किया गया है, ताकि वैश्विक मानकों के लिहाज से भी वीडियो गेम और रियल-मनी गेम्स (RMG) के बीच का अंतर साफ हो सके और कंपनियाँ अधिक स्पष्टता हासिल करते हुए अपनी बिजनेस रणनीति तैयार कर पाएँ।
सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, कंपनियों के समूह द्वारा यह पत्र सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार को भेजा गया है। जाहिर है नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी NDA हाल में ही लगातार तीसरी बार सरकार बनाने में कामयाब रहा है, ऐसे में अब ऑनलाइन या डिजिटल गेमिंग जगत को भी उम्मीद है कि इस तेजी से बढ़ते सेक्टर को रेगुलेट करने के लिए सरकार स्पष्ट नियम पेश करे।
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इस पत्र में कंपनियों ने कुछ अन्य मांगे भी रखी हैं। वैसे कंपनियों ने आग्रह किया है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को वीडियो गेम के लिए नोडल एजेंसी के रूप में शक्ति प्रदान की जाए। इसके साथ ही संबंधित मंत्रालय के भीतर एक विशेष AVGC-XR (एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रियलिटी) विंग की भी स्थापना की मांग की गई है, जिसका संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी को सौंपा जाना चाहिए।
इस बात में कोई शक नहीं है कि ऑनलाइन गेमिंग का उपयोगकर्ता आधार और आर्थिक लिहाज से हिस्सेदारी तेजी से बढ़ रही है। और लगभग 140 करोड़ की जनसंख्या वाले इस देश में ऑनलाइन गेमिंग का ट्रेंड चरम पर कहा जा सकता है। ऐसे में कंपनियों का मानना है कि एक स्पष्ट रेगुलेशन व नियम उन्हें अपनी रणनीति के निर्माण से लेकर क़ानूनी सुरक्षा के साथ सुव्यवस्थित बिज़नेस के संचालन में बड़ी मदद कर सकते हैं।
फिलहाल इन कंपनियों ने संबंधित विषय पर सरकार के समक्ष अपने विचार को और विस्तार से प्रस्तुत कर सकने के लिए पीएमओ और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों आदि से मुलाकात के समय भी माँगा है।