Site icon NewsNorth

“भारत से डेटा ले जाकर, वापस हमें ही बेच रहीं बड़ी टेक कंपनियाँ” – Ola सीईओ

ola-ceo-bhavish-aggarwal-on-techno-colonialism-and-east-india-company

Ola CEO Bhavish Aggarwal On Techno Colonialism: कैब सेवा प्रदाता कंपनी Ola के सह-संस्थापक और ग्रुप सीईओ, भाविश अग्रवाल ने एक बार फिर से विदेशी टेक कंपनियों के रवैए पर कड़ा प्रहार बोला है। भाविश के अनुसार कुछ बड़ी विदेशी टेक कंपनियाँ ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह व्यवहार कर रही हैं और भारत का डेटा चुराकर, एक तरीके से उपयोगकर्ताओं के साथ धोखा कर रही हैं। भाविश ने इसे “टेक्नो कॉलोनिज्म” तक बता डाला।

जी हाँ! ऐसा लगता है कि भाविश मानते हैं कि वर्तमान के डिजिटल दौर में डेटा की चोरी औपनिवेशिक शोषण का एक नया स्वरूप है। असल में ANI के साथ बातचीत के दौरान ही भाविश अग्रवाल ने इस मुद्दों पर अपनी ये तमाम राय व्यक्त की। भाविश अग्रवाल का कहना रहा कि विदेशी टेक्नोलॉजी कंपनियां भारत के डेटा को ग्लोबल डेटा सेंटर्स में भेज रही हैं, जहां इसे प्रोसेस कर वापस भारत को महंगे दामों में बेचा जाता है।

Ola CEO Bhavish Aggarwal On Techno Colonialism

दिलचस्प रूप से भाविश ने इस प्रथा की तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी के तरीकों से की। भाविश के अनुसार, कुछ बड़ी टेक कंपनियों का यह प्रक्रिया बिल्कुल वैसी ही है जैसे लगभग 200 साल पहले ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा अपनाया जाता था, जब वह भारत के ही संसाधनों को अपने देश ले जाकर पुनः भारत में उसे अधिक से अधिक दामों में बेच कर मुनाफा कमाने का काम करती थी।

उन्होंने बताया कि भारत वर्तमान में दुनिया भर में कुल डेटा का लगभग 20% से अधिक डिजिटल डेटा उत्पादित करता है, जो कि चर्चित आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक के सेक्टर में व्यापक संभावनाओं को जन्म देता है। भाविश के मुताबिक, हमें और ज्यादा डेटा प्रोडक्शन पर ध्यान देना चाहिए, लेकिन इसे हमारे कंट्रोल में रखना चाहिए।

See Also

न्यूज़North अब WhatsApp पर, सबसे तेज अपडेट्स पानें के लिए अभी जुड़ें!

Ola के सीईओ ने इसको लेकर एक उदाहरण भी दिया। उन्होंने बताया कि कैसे पहले भारत से कपास निर्यात किया जाता था और वापस उसी कपास से बने कपड़े भारतीयों को महंगे दामों में ख़रीदने पड़ते थे। भाविश के अनुसार अब हम डेटा का निर्यात कर रहे हैं और विदेशी कंपनियां इसे प्रोसेस कर हमें महंगे दामों में वापस हमें ही बेच रही हैं। यह टेक्नो कॉलोनिज्म का उदाहरण है।

इतना ही नहीं बल्कि भाविश ये इसे भारत की आर्थिक संप्रभुता के लिए एक बड़ी चुनौती तक करार दिया। इस बातचीत के दौरान भाविश अग्रवाल ने देश को अपनी ज़रूरतों व संस्कृति के आधार पर खुद की टेक्नोलॉजी डेवलप करने पर जोर दिया। इसको लेकर उन्होंने UPI और ONDC जैसे सफल भारतीय डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के उदाहरण भो पेश किए।

 

Exit mobile version