Delhi 5000 Teachers Transfer Row: दिल्ली में एक बार फिर राज्य सरकार और अफसर आमने-सामने नजर आ रहे हैं। असल में मामला एक साथ बड़ी संख्या में शिक्षकों के तबादले से हुआ हुआ है। शिक्षा विभाग और शिक्षा मंत्रालय के बीच सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के तबादले को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। असल में विभाग ने मंगलवार देर रात 5,000 से अधिक शिक्षकों का एक साथ तबादला कर दिया।
असल में संबंधित विभाग ने जारी आदेश के तहत 1,009 विविध शिक्षक, 847 पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) और 3,150 टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर) शिक्षकों का ट्रांसफर किया है। लेकिन दिलचस्प बात ये है कि दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री आतिशी ने इस फैसले पर ऐतराज जताया है।
Delhi 5000 Teachers Transfer Row
असल में या तबादले ऐसे समय में हुए जब कुछ दिन पहले ही ही शिक्षा मंत्री आतिशी ने शिक्षा सचिव को लिखे एक पत्र में ऐसी किसी भी कार्रवाई को रद्द करने और आदेश वापस लेने के लिए कहा था। शिक्षा मंत्री के मुताबिक, उन्होंने पत्र में स्पष्ट किया था कि शिक्षा विभाग ने उनकी अनुमति के बिना ही एक स्कूल में 10 साल से ज्यादा समय से तैनात शिक्षकों के अनिवार्य तबादले को लेकर आदेश जारी किए थे।
ऐसे में आतिशी ने तुरंत ही इस आदेश को वापस लेने और ऐसी कोई तबादले की कार्यवाई ना करने के लिए कहा था। उन्होंने शिक्षा सचिव को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि इस तरह का कोई निर्णय न लिया जाए।
हालाँकि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तबादलों को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ये सभी ट्रांसफर तय नियमों के तहत ही किए गए हैं। इस बीच सामने आ रही जानकारी के अनुसार, शिक्षा मंत्री की ओर से इस मामले में अब शिक्षा सचिव और शिक्षा निदेशक के नाम एक कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है।
अपनी बात रखते हुए शिक्षा मंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 239 एए का हवाला दिया और कहा कि दिल्ली की निर्वाचित सरकार राज्य सूची और समवर्ती सूची में सूचीबद्ध मामलों के संबंध में कार्यकारी शक्तियों का प्रयोग करती है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रभारी मंत्री के आदेशों की अवहेलना करके संविधान के अनुच्छेद 239AA का उल्लंघन किया गया है।
वहीं आप के कूच वरिष्ठ नेताओं का इस मसले में कहना है कि यह दिल्ली में केजरीवाल के शिक्षा मॉडल को खत्म करने की कोशिश का हिस्सा है और उन्होंने इसके पीछे भाजपा और दिल्ली के एलजी को जिम्मेदार ठहराया।