Megha Patkar sentenced to jail: एक्टिविस्ट मेधा पाटकर की मुसीबत बढ़ती जा रही है, उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की ओर से कोर्ट में अपराधिक मानहानि में दायर याचिका को लेकर कोर्ट ने मेधा पाटकर को दोषी पाया है, कोर्ट ने एक्टिविस्ट को सजा सुनाते हुए 10 लाख रुपए जुर्माने के तौर में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को देने और 5 महीने कैद की सजा सुनाई है।
क्या था मामला?
मेधा पाटकर के ऊपर आरोप था कि उन्होंने राज्यपाल के खिलाफ एक विज्ञप्ति जारी करते हुए उनकी छवि को जनता के सामने धूमिल करने की साजिश रची थी।
यह मामला साल 2003 सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ को लेकर सक्रिय समय का था तब वीके सक्सेना नेशनल काउंसिल फॉर सिविल लिबर्टीज में एक्टिव थे। उन्होंने उस वक्त मेधा पाटकर की आंदोलन का तीखा विरोध किया था। उनके विरोध के बाद मेघा पाटकर ने वीके सक्सेना के खिलाफ अपमानजनक बयानबाजी की थी जिसे लेकर मेधा पाटकर पर मानहानि के दो केस दर्ज वीके सक्सेना ने करवाया था।
मेघा पाटकर का कोर्ट के फैसले के बाद बयान
अब कोर्ट के फैसले के बाद एक्टिविस्ट मेधा पाटकर का बयान भी समाने आया है, एक्टिविस्ट ने कोर्ट के फैसले को लेकर कहा कि, सत्य कभी पराजित नही किया जा सकता।
उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि, सत्य कभी हराया नहीं जा सकता, हमने किसी की मानहानि का प्रयास नहीं किया। हम सिर्फ काम करते है। कोर्ट के इस फैसले को हम ऊपरी कोर्ट में चुनौती देंगे।
न्यूज़North अब WhatsApp पर, सबसे तेज अपडेट्स पानें के लिए अभी जुड़ें!
गौरतलब हो, मेधा पाटकर एक प्रमुख भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो नर्मदा बचाओ आंदोलन के साथ अपने काम के लिए जानी जाती हैं, जो आदिवासियों, किसानों और हाशिए पर पड़े लोगों के अधिकारों की वकालत करती हैं,वह नेशनल अलायंस ऑफ पीपल्स मूवमेंट्स की संस्थापक हैं। भारत के सामाजिक न्याय आंदोलन में एक प्रमुख हस्ती पाटकर नर्मदा बांध परियोजना (Megha Patkar sentenced to jail) के खिलाफ संघर्ष सहित कई हाई-प्रोफाइल अभियानों में सबसे आगे रही हैं।