संपादक, न्यूज़NORTH
Yes Bank Layoff: कंपनियो में छंटनी का सिलसिला अभी भी थमता नजर नहीं आ रहा है। बीतें कुछ सालों में दुनिया भर में कई दिग्गज नामों ने बड़े पैमानें पर कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का काम किया है। और अब एक ताजा उदाहरण के तहत Yes Bank ने भी भारत में अपने लगभग 500 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। यह इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि Yes Bank भारत के प्राइवेट सेक्टर के प्रमुख बैंकों में गिना जाता है।
इस बैंक के तमाम कर्मचारियों के लिए यह एक बड़ा झटका है, लेकिन साथ ही जानकारों को डर यह है कि कहीं बैंकिंग सेक्टर में यह एक नया ट्रेंड न बन जाए। फिलहाल आपको बता दें, छंटनी की यह खबर ईटी की एक हालिया रिपोर्ट के हवाले से सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, लगात में कटौती के चलते यह कदम उठाए जा रहे हैं।
Yes Bank Layoff 2024
असल में रिपोर्ट यह भी कहती है कि संभावना है कि आने वाले महीनों में एक और छंटनी का दौर देखने को मिल सकता है। फिलहाल यह छंटनी भी Yes Bank के रिस्ट्रक्चरिंग प्रक्रिया का ही एक हिस्सा बताई जा रही है। इतना ही नहीं बल्कि कंपनी का मकसद लागत में कटौती के उपायों को अपनाते हुए डिजिटल बैंकिंग की ओर अपना फोकस बढ़ाने का है।
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इसके तहत बैंक आने वाले समय में मैन्युअल वर्कफ़ोर्स में कमी करने के प्रयासों को तेज कर सकता है। मामले के जानकारों के अनुसार इस रिस्ट्रक्चरिंग प्रक्रिया के चलते बैंक को अपने ऑपरेशनल खर्चों में कटौती करने में भी मदद मिलेगी।
सामने आ रही जानकारी के अनुसार Yes Bank ने जिन कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है, उन सभी लोगों को 3 महीने के वेतन के बराबर राशि दी गई है। छंटनी के तहत बैंक के कई विभाग प्रभावित हो सकते हैं। लेकिन रिपोर्ट के अनुसार इस हालिया छंटनी का सबसे ज्यादा असर ब्रांच बैंकिंग पर होता दिखेगा। इसी से संबंधित कई कर्मचारी प्रभावित हो सकते हैं।
ये भी कहा जा रहा है कि Yes Bank ने यह कदम एक मल्टीनेशनल कंसल्टेंट की सलाह पर उठाया है, जिसे बैंक ने लागत को कम करने के सुझाव की जिम्मेदारी सौंपी थी। और अब कंसल्टेंट से प्राप्त सुझावों के अनुरूप ही बैंक ने इंटरनल रिस्ट्रक्चरिंग की प्रक्रिया का आगाज कर दिया है।
अनुमानित आँकड़ो की बात करें तो पिछले वित्त वर्ष में बैंक की लागत में लगभग 17 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी। इतना ही नहीं बल्कि संबंधित अवधि के दौरान बैंक के कर्मचारियों पर किए जाने वाले खर्च की लागत में भी 12 फीसदी से अधिक की वृद्धि दिखी।