Pune Porsche car accident: बहुचर्चित पोर्श कार दुर्घटना के मुख्य आरोपी नाबालिक को बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत याचिका में सुनवाई करते हुए जमानत दे दी है, इसके बाद एक बार फ़िर पोर्श कार से एक्सीडेंट का यह मामला सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बन गया है। कोर्ट से नाबालिक को जमानत दिए जानें के बाद एक बार फिर कोई फैसले का समर्थन कर रहा है तो कोई आलोचना।
बॉम्बे हाईकोर्ट की मामले को लेकर टिपण्णी
जस्टिस भारती डांगरे और जस्टिस मंजूषा देशपांडे की बेंच नाबालिग को राहत देते हुए कहा कि हादसा दुर्भाग्यपूर्ण था, लेकिन नाबालिग को ऑब्जर्वेशन होम में नहीं रखा जा सकता। क्योंकि नाबालिग के माता-पिता और दादा भी जेल में बंद है, इसलिए नाबालिग की कस्टडी उनकी मौसी के पास रहेगी।
दुर्घटना में मारे गए व्यक्ति के परिजन ने क्या कहा?
कोर्ट के द्वारा नाबालिक आरोपी को जमानत दिए जानें को लेकर हादसे में मारी गई जबलपुर की रहने वाली सॉफ्टवेयर इंजीनियर अश्विनी कोष्टा की मां का बयान भी सामने आया है, कोर्ट के फैसले के बाद अश्वनी कोष्टा की मां ने कहा,
“हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। जिस पीड़ा से हम गुजर रहे हैं उस दर्द को कोर्ट भी महसूस करें।”
दुर्घटना में मारी गई युवती की मां के बयान से ऐसा लगता है, उन्हें कोर्ट के फैसले को लेकर दुःख पहुंचा है, हालांकि उन्होंने अपने बयान में न्यापलिका में भरोसा भी जताया है।
गौरतलब हो, पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई को 2 आईटी पेशेवरों की मोटरसाइकिल को तेज रफ्तार पोर्श कार ने टक्कर मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई । कार को कथित तौर पर नशे की हालत में किशोर चला रहा था।
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किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य एलएन दानवाड़े की ओर से सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने सहित बहुत ही नरम शर्तों पर आरोपी को जमानत दे दी गई, इसके बाद इस मामले को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश तेज हो गया। जिसके बाद मामले की जांच वरिष्ठ स्तर तक पहुंची, जहां नाबालिक की जमानत रोक दी गई थी, और उसे पर्यवेक्षण गृह में रखा गया था, आज (25 जून 2024) को बॉम्बे हाईकोर्ट ने नाबालिक आरोपी की (Pune Porsche car accident) जमानत याचिका में सुनवाई करते हुए उसे जमानत प्रदान कर दी है।