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सरकार ने लागू किया एंटी पेपर लीक कानून, ₹1 करोड़ जुर्माना व 10 साल की कैद का प्रावधान

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Govt Introduces Anti Paper Leak Law: पेपर लीक को लेकर तमाम सवालों से घिरी मोदी सरकार ने अब कठोर कार्रवाई का निर्णय लिया है। केंद्र सरकार ने देर रात परीक्षा में किसी भी प्रकार की धांधली को रोकने के लिए एक एंटी पेपर लीक कानून लागू कर दिया है। इस अहम फैसले की घोषणा कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय ने की और साथ ही इस संबंध में एक अधिसूचना भी जारी की है।

दिलचस्प रूप से इस कानून को फरवरी 2024 में ही संसद द्वारा पारित किया गया था और फिलहाल इसे अब देश भर में प्रभावी रूप से लागू कर दिया गया है। नए कानून के तहत परीक्षा के दौरान पेपर लीक या धांधली करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। सरकार का यह कदम शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।

Govt Introduces Anti Paper Leak Law

असल में पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने इसको लेकर ‘लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024’ अधिसूचित किया है। इस एंटी पेपर लीक कानून का मुख्य उद्देश्य प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक और अन्य धाँधलियों पर अंकुश लगाने का है। इस साल फरवरी में पारित हुए इस कानून को केंद्र सरकार ने 22 जून से लागू कर दिया है।

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आपको बता दें इस अधिनियम के तहत अपराधियों के लिए 3 साल से लेकर अधिकतम 10 साल की जेल की सजा और  ₹1 करोड़ तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। दिलचस्प यह है कि लोक परीक्षा अधिनियम को ऐसे समय में लागू किया जा रहा है जब सरकार की तमाम संस्थाओं खासकर NTA पर उठ रहे सवालों को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी असहज दिखाई दे रहे थे।

दरअसल पहले NEET और फिर UGC NET जैसे पेपर लीक के मामले सामने आने पर शिक्षा मंत्री से लगातार सवाल पूछे जा रहे थे। आपको बता दें दोनों ही परीक्षाओं का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा करवाया गया था। इस दौरान शिक्षा मंत्री ने का था कि इसको लेकर मंत्रालय नियम बना रहा है, और जल्द इसे प्रभावी रूप से लागू कर दिया गया है।

केंद्र सरकार के इस ‘लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024’ के तहत परीक्षा में धांधली संबंधित 15 ऐसी गतिविधियों को चिन्हित किया गया है, जिनमें शामिल होने पर कठोर सजा का प्रावधान है। नए कानून के तहत, परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र या आंसर की लीक करना एक गंभीर अपराध माना जाएगा। अगर कोई व्यक्ति आंसर-की या पेपर लीक में दूसरों के साथ मिलकर शामिल होता है या बिना किसी अधिकार के प्रश्न पत्र या ओएमआर शीट देखता या अपने पास रखता है, तो उसे सजा दी जाएगी।

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गौर करने वाली बात ये भी है कि परीक्षा के दौरान किसी अनधिकृत व्यक्ति द्वारा सवालों के जवाब बताने पर भी सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। किसी उम्मीदवार को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जवाब लिखने में मदद करना, आंसर शीट या ओएमआर शीट में गड़बड़ी करना और असेसमेंट में हेरफेर करना भी दंडनीय अपराध करार दिया गया है।

केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मानकों और नियमों का जानबूझकर उल्लंघन करने, उम्मीदवार की शॉर्टलिस्टिंग, मेरिट या रैंक निर्धारण के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट से छेड़छाड़ करने और परीक्षा के संचालन में गड़बड़ी करने पर भी सजा होगी। इसके सलवा कंप्यूटर नेटवर्क या किसी कंप्यूटर सिस्टम से छेड़छाड़ करने से लेकर, उम्मीदवार के सीटिंग अरेंजमेंट में गड़बड़ी करने, परीक्षा तिथि या शिफ्ट के आवंटन में गड़बड़ी करने परीक्षा संबंधित एजेंसी से जुड़े लोगों को धमकाने या परीक्षा में व्यवधान पैदा करने पर भी सख्त करवाई की जाएगी।

इतना ही नहीं बल्कि परीक्षा के लिए पैसे ऐंठने, फर्जी वेबसाइट बनाने और फर्जी परीक्षा आयोजित करने से लेकर फर्जी एडमिट कार्ड या ऑफर लेटर जारी करना भी इस कानून में कार्यवाई के लिहाज़ से तय प्रावधानों में शामिल है।

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