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भारत में ATM की भारी कमी? बैंकों ने सरकार और RBI से की शिकायत – रिपोर्ट

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ATM Shortage In India?: देश के भीतर मौजूदा समय में ऑटोमेटेड टेलर मशीन (ATM) की भारी कमी हो गई है। यह बात कोई आम आदमी नहीं बल्कि खुद भारतीय बैंक कह रहे हैं। जी हाँ! सामने आ रही ख़बरों के अनुसार, भारत में बैंकों को एटीएम मशीनों की किल्लत के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। और इसको लेकर 1 या 2 नहीं बल्कि लगभग देश के सभी बैंक परेशान बताए जा रहे हैं।

असल में द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश के तमाम बैंकों ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और केंद्र सरकार के सामने भी यह मुद्दा उठाया है और उन्हें यह सूचित किया है कि तमाम बैंकों को ऑटोमेटेड टेलर मशीन (ATM) मशीनों को हासिल करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

ATM Shortage In India?

इतना ही नहीं बल्कि इस खबर में ‘मेक-इन-इंडिया’ पहल के तहत भी आ रही चुनौतियों का जिक्र किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, बैंकों ने सरकार और आरबीआई दोनों के सामने अपनी बात रखते हुए, GeM नामक केंद्र सरकार के ई-मार्केटप्लेस के माध्यम से होने वाली खरीद को लेकर भी स्पष्ट दिशानिर्देशों की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

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यह भी सामने आया है कि पिछले महीने RBI और सरकार के संबंधित अधिकारियों के साथ हुई एक बैठक में प्रमुख बैंकरों द्वारा कथित रूप से इस विषय को उठाया गया था। बताया जा रहा है कि एटीएम विक्रेता मौजूदा समय में ‘अपर्याप्त क्षमता’ संबंधित चुनौतियों के चलते अपेक्षित रूप से ऑर्डर पूरे नहीं कर पा रहे हैं। बैंकों का कहना रहा कि एटीएम विक्रेता बैंकों की जरूरतों को पूरा करने लायक उत्पादन क्षमता की कमी का सामना कर रहे हैं।

मेक-इन-इंडिया के दिशानिर्देश वजह?

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह बताया जा रहा है कि एटीएम वेंडर्स की प्रोडक्शन क्षमता में आई कमी की मुख्य वजह वित्त वर्ष 2020 में  ‘मेक इन इंडिया’ को लेकर जारी किए गए कुछ दिशानिर्देशों हैं। इन दिशानिर्देशों के चलते कथित तौर पर एटीएम विक्रेताओं को भारतीय परिचालन स्थापित करने में समय लग रहा है।

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बताया गया कि सभी एटीएम विक्रेता देश में पंजीकृत नहीं हैं, और किसी भी तरह की क़ानूनी कार्रवाई से बचने के लिए तय प्रक्रियाओं और दिशानिर्देशों में अधिक स्पष्टता की जरूरत है। इसके साथ ही यह भी माँग की गई कि सभी दिशानिर्देश को पूरा करने के साथ बैंकों को ATM के लिए इंडिपेंडेंट रिक्वेस्ट प्रपोजल (RFP) जारी करने की अनुमति मिलनी चाहिए।

दिलचस्प रूप से बैंकों का कहना है कि उन्हें इन तमाम चुनौतियों का सामना ऐसे समय में करना पड़ रहा है जब RBI के दिशानिर्देशों के तहत एटीएम में लॉक करने योग्य कैसेट सिस्टम को अपनाने की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में ATM की कमी एक और समस्या खड़ी कर रही है।

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