Recovery of Rs 9 crore from teachers in Rajasthan: राजस्थान में शिक्षक दंपति के द्वारा सरकार को धोखा देने, सरकारी राशि को गबन करने के आरोप में गिरफ्तार और रिकवरी के आदेश जारी किए गए है।
मामला राजस्थान के बारां जिले के राजकीय महाविद्यालय का है, जहां पति पत्नी संयुक्त रूप से शिक्षक के पद में कार्यरत थे, पंरतु दोनों ने अपनी जगह में 5 हजार रुपए वेतन में फर्जी प्राइवेट शिक्षक की नियुक्ति कर रखी थी, वह स्कूल न जाकर अपनी जगह उन लोगों को स्कूल में भेजते थे। जब कोई शिक्षा विभाग का वरिष्ठ अधिकारी या कोई अधिकारी वह जांच या किन्ही कारणों से पहुंचता था तो वह फर्जी टीचर अपने आप को मंजू गर्ग और विष्णु गर्ग बताया करते थे जो कि शाला के मूल शिक्षक थे।
पिछले वर्ष दिसंबर में हुई कार्रवाई
मंजू गर्ग और विष्णु गर्ग विगत 25 वर्षो से बारां जिले के राजकीय महाविद्यालय राजपुरा में पदस्थ थे, दोनों ही स्कूल नही जाते थे और उनकी जगह उनकी ड्यूटी कोई अन्य व्यक्ति के द्वारा किया जाता था। बारा प्रशासन को जब इसकी भनक लगी तब प्रशासन ने दंपति को रंगे हाथों पकड़ लिया। स्कूल में जांच के दौरान दोनों शिक्षक अनुपस्थित मिले और उनकी जगह कोई और काम कर रहा था। उपस्थिति रजिस्टर में विष्णु गर्ग की हाजरी लगी मिली और वह उस समय स्कूल में मौजूद नही थे। वही उनकी पत्नी मंजू गर्ग को उस समय लिव में बताया गया। इसके अतरिक्त दंपति के ऊपर स्कूल के बच्चों का पोषण आहार के पैसों को गबन करने के आरोप भी लगें।
रकम वसूली का मामला दर्ज़
शिक्षक दंपति से गबन की सम्पूर्ण राशि वसूली जानें के लिए पुलिस के पास मामला दर्ज किया गया है। दंपति मामला दर्ज होने के बाद से ही फरार चल रहें हैं। दोनों से 9 करोड रूपए राशि जिसमें वेतन गबन और पोषण आहार की राशि (Recovery of Rs 9 crore from teachers in Rajasthan) वसूली जाएगी।
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गौरतलब हो, शिक्षक दंपति के खिलाफ राजस्थान सरकार के सचिव के निर्देशों के बाद शिक्षा विभाग की ओर से कार्यवाई की गई है। दोनों शिक्षको के खिलाफ 420, 409 गबन की धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया हैं।