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YouTube ने ‘बंदूक’ वाले वीडियो पर लगाए नए प्रतिबंध, पॉलिसी में बड़े बदलाव

YouTube ने ‘बंदूक’ वाले वीडियो पर लगाए नए प्रतिबंध, पॉलिसी में बड़े बदलाव

  • YouTube बंदूक़ को लेकर कर रहा नीतिगत बदलाव
  • कम उम्र के बच्चों के लिए प्रतिबंधित होंगे ऐसे कंटेंट
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YouTube Toughens Policy For Gun Videos: टेक दिग्गज Google के मालिकाना हक वाला लोकप्रिय स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म YouTube अब अपनी पॉलिसी में कुछ बड़े बदलाव करने जा रहा है। कंपनी ने बढ़ते विवादों के बीच अपने प्लेटफॉर्म को और भी अधिक सुरक्षित बनाने का फैसला किया है। इसको लेकर कंपनी मुख्य रूप से युवा वर्ग को ध्यान में रखते हुए नए बदलावों की पेशकश कर रही है।

असल में संभावित रूप से खतरनाक हो सकने वाले कंटेंट को कम उम्र के उपयोगकर्ताओं तक पहुंचने से रोकने के प्रयासों के तहत अब YouTube ने बंदूक व हथियारों वाले वीडियो को लेकर अपनी नीतियों में बड़े परिवर्तन किए हैं। इसके तहत बंदूक से संबंधित कुछ वीडियो पर आयु प्रतिबंध लगाया गया है।

YouTube Toughens Policy For Gun Videos

जी हाँ! इसका सीधा सा मतलब यह है कि अब 18 साल से कम उम्र वाले उपयोगकर्ता YouTube पर बंदूक़ व ऐसे हथियारों वाले कंटेंट एक्सेस नहीं कर पाएँगे। इन यूज़र्स के लिए ऐसे वीडियो प्रतिबंधित रहेंगे जिनमें बंदूक आदि को प्रदर्शित किया जा रहा हो।

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आपको बता दें YouTube द्वारा किए जा रहे ये नीतिगत बदलाव आगामी 18 जून, 2024 से लागू कर दिए जाएँगे। इस नए बदलाव की आधिकारिक पुष्टि YouTube के फायरआर्म पॉलिसी पेज पर एक नए डिस्केमलर अपडेट के ज़रिए हो सकी है। YouTube ने लिखा है कि

“18 जून, 2024 से सुरक्षा टूल को हटाने का तरीका दिखाने वाला कुछ कंटेंट प्रतिबंधित होंगे। साथ ही घर में बने फायरआर्म, ऑटोमैटिक फायरआर्म और कुछ फायरआर्म टूल्स के उपयोग को दिखाने वाले कंटेंट पर आयु प्रतिबंध लगाया जाएगा।”

दिलचस्प रूप से कंपनी का कहना है कि 3D प्रिंटिंग के चलते आसानी से उपलब्ध होने के कारण फायरआर्म्स की संख्या में तेजी से इज़ाफ़ा हुआ है। ऐसे में भारत, अमेरिका समेत दुनिया भर के उपयोगकर्ताओं के लिए ये प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं।

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असल में पिछले कुछ समय से कई सामाजिक कार्यकर्ताओं आदि की ओर से लगातार यह आवाज़ उठाई जा रही थी कि बंदूक आदि से संबंधित वीडियो साइट पर सबसे कम उम्र के उपयोगकर्ताओं तक भी आसानी से पहुंच रहे हैं। यह न सिर्फ बच्चों को आघात पहुंचा सकते हैं, बल्कि इसे बच्चों में मानसिक रूप से भी उग्रवाद और हिंसा की प्रवृत्ति बढ़ने का ख़तरा होता है। दिलचस्प रूप से अमेरिका जैसे विकसित देश में भी हथियार बच्चों और युवाओं की मौत के पीछे के कुछ प्रमुख कारणों में से एक है।

हालाँकि इस बीच YouTube की ओर से यह साफ कर दिया गया है कि बंदूक़ आदि पर लगे ये प्रतिबंध महज हथियारों (फायरआर्म) के वास्तविक उपयोग पर लागू होंगे। जी हाँ! वीडियो गेम, फिल्म क्लिप या अन्य कलात्मक कंटेंट को लेकर ये प्रतिबंध लागू नहों होंगे।

वैसे अभी यह साफ़ नहीं है कि क्या YouTube सैन्य या पुलिस फुटेज, समाचार या युद्धक्षेत्र के वीडियो आदि को कैसे प्रतिबंधों से अलग करेगी या फिर उन्हें भी इसमें शामिल करेगी। असल में आज के दौर में बच्चे सोशल मीडिया से बड़े पैमाने पर प्रभावित होते दिखाई पड़ते हैं ऐसे में बंदूक़ आदि जैसे संभावित ख़तरों की दिशा में काम करने की ज़रूरत है।

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