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TCS और IIT-बॉम्बे बना रहे भारत का पहला क्वांटम डायमंड माइक्रोचिप इमेजर, हुई साझेदारी

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TCS and IIT-Bombay are making ‘Quantum Diamond Microchip Imager’: देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी TCS ( Tata Consultancy Services) और बॉम्बे आईआईटी ने एक साझेदारी के तहत भारत के पहले ‘क्वांटम डायमंड माइक्रोचिप इमेजर’ बनाने की बात कही है। देश के दोनों विश्वनीय संस्थान देश की पहली ‘क्वांटम डायमंड माइक्रोचिप इमेजर’ बनाने के लिए साथ काम करते नज़र आने वाले है।

क्या काम आता है, “क्वांटम डायमंड माइक्रोचिप इमेजर” ?

आधिकारिक बयान के अनुसार, क्वांटम डायमंड माइक्रोचिप इमेजर चुंबकीय क्षेत्रों यानी मैग्नेटिक फील्ड की तस्वीर तैयार कर सकता है, यह सेमीकंडक्टर चिप की ‘नॉन इनवेसिव’ (किसी जीव/वस्तु में प्रवेश के बिना) और ‘नॉन-डिस्ट्रक्टिव (बिना नुकसान पहुंचाए) मैपिंग को सक्षम बनाता है, जैसे एक हॉस्पिटल में एमआरआई की तरह प्रोसेस होता है। क्वांटम डायमंड माइक्रोचिप इमेजर का उपयोग सेमीकंडक्टर की विसंगति को पता लगाने के काम आ सकता है, आपकों बता दे, सेमीकंडक्टर का उपयोग कम्यूनिकेशन्स, कंप्यूटिंग, हेल्थकेयर, मिलिट्री सिस्टम्स, ट्रांसपोर्टेशन और क्लीन एनर्जी जैसी इंडस्ट्री के लिए काम में आता है। यह इलेक्ट्रोनिक डिवाइस के लिए एक महत्वपूर्ण पाठ होता है।

क्वांटम इमेजिंग प्लेटफॉर्म डेवलप करने के लिए संयुक्त रूप से किया जाएगा काम

पीक्वेस्ट लैब में क्वांटम इमेजिंग प्लेटफॉर्म डेवलप करने के लिए टीसीएस के एक्सपर्ट प्रमुख तकनीकी संस्थान के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ कस्तूरी साहा के साथ काम करेंगे। इस संबंध में बॉम्बे आईआईआईटी के प्रोफेसर कस्तूरी साहा ने कहा कि दोनों पार्टनर इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए क्वांटम सेंसिंग में अपनी विशेषज्ञता का लाभ उठाते हुए चिप की ‘नॉन-डिस्ट्रक्टिव’ (बिना नुकसान पहुंचाए) जांच के लिए क्वांटम इमेजिंग प्लेटफॉर्म पर काम करेंगे।

टीसीएस और बॉम्बे आईआईटी की साझेदारी के संबंध में TCS के चीफ टेक्निकल ऑफिसर हैरिक विन का बयान भी सामने आया है उन्होंने ने कहा कि,  ‘दूसरी क्वांटम क्रांति’ अभूतपूर्व गति से आगे बढ़ रही है, इससे सेंसिंग, कंप्यूटिंग और कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी में एडवांस्ड और मॉडर्न क्षमताओं का (TCS and IIT-Bombay are making ‘Quantum Diamond Microchip Imager’)  निर्माण करने के लिए संसाधनों व विशेषज्ञता को इकट्ठा करना सबसे जरूरी हो गया है।

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गौरतलब हो,  सेमीकंडक्टर के आकार में कमी के कारण पुराने सेंसिंग विधियों से पैदा हुई कमियों का पता लगाने के लिए क्वांटम डायमंड माइक्रोचिप इमेजर तकनीक आवश्यक है। आपकों बता दे,सेमीकंडक्टर चिप्स सभी आधुनिक इलेक्ट्रिक गेजेट में उपल्ब्ध होते है।

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