Pune Porsche Car Hits Bike, 2 People Killed In Accident: महाराष्ट्र के पुणे में कल्याणी नगर इलाके में एक 17 साल के नाबालिग लड़के द्वारा चलाई जा रही तेज रफ्तार पोर्श कार ने एक बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। बताया जा रहा है कि बाइक में पति-पत्नी सवार थे, जो टक्कर के बाद कई मीटर तक कार के साथ ही घिसटते चले गए। इस हादसे में दोनों पति-पत्नी की मौके पर ही दर्दनाक मृत्यु हो गई। गुस्साई भीड़ ने कार चालक उस नाबालिग लड़के को पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया, लेकिन महज 14 घंटे के भीतर ही उसको जमानत मिल गई।
पुणे पुलिस ने मृतकों की पहचान अनीस अवधिया और अश्विनी कोस्टा के रूप में की है। ये दोनों पेशे से आईटी इंजीनियर थे। दोनों कल्याणी नगर इलाके में बाइक जा रहे थे कि तभी पीछे से लग्जरी कार पोर्श ने ज़ोरदार टक्कर मारी और कुछ देर मोटरसाइकिल कार के साथ ही घिसटती रही, जिसके बाद कार सड़क किनारे फुटपाथ की रेलिंग से टकरा गई।
Pune Porsche Car Hits Bike, 2 People Killed In Accident
इस बीच पुणे सिटी के पुलिस अधिकारी ने बताया कि नाबालिग आरोपी की की पहचान वेदांत अग्रवाल के रूप में हुई है और उस पर IPC 304 के तहत गैर-इरादतन हत्या आदि का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस की शुरुआत जांच में यह भी सामने आया है कि नाबालिग ने गाड़ी चलाने के दौरान शराब पी रखी थी। मीडिया रिपोर्ट्स में आरोपी का संबंध पुणे के एक नामी बिल्डर से बताया जा रहा है।
इस बीच मेडिकल टेस्ट करवाने के बाद पुलिस ने आरोपी को कोर्ट के सक्षम पेश किया, लेकिन हादसे के कुछ घंटो के भीतर ही आरोपी को ज़मानत दे दी गई। इस मामले को लेकर अब कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। देश भर से लोग सोशल मीडिया पर पुलिस की कार्यवाई से लेकर ज़मानत मिलने तक पर प्रश्न खड़े कर रहे हैं।
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शुरुआती जानकारी के मुताबिक, आरोपी ने शहर के एक पब में शराब पी, जिसके बाद तेज रफ्तार में गाड़ी चलाकर वह लौट रहा था। लेकिन गाड़ी पर उसका क़ाबू नहीं रहा और यह हादसा हुआ। ऐसे में यह भी सवाल पूछा जाने लगा है कि भला एक नाबालिग 17 साल के लड़के को पब में एंट्री और शराब कैसे मिल गई?
सोशल मीडिया पर कई लोग यह भी सवाल पूछते नजर आ रहे हैं कि भला इतने भयानक लापरवाही भरे हादसे, जिसमें दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, उसमें आरोपी को कुछ ही घंटों में ज़मानत कैसे मिली? इतना ही नहीं बल्कि लोगों ने ज़मानत की शर्तों पर भी गौर करने को कहा और उस पर सवालिया निशान लगाए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट ने नाबालिग आरोपी को कुछ शर्तों के साथ ज़मानत दी है। जमानत की शर्तों को लेकर यह सामने आ रहा है कि कोर्ट ने आरोपी को 15 दिनों के लिए येरवडा की ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करने और दुर्घटना पर एक निबंध लिखने के लिए कहा है।
इसके साथ ही आरोपी को एक ऐसे डॉक्टर से इलाज कराने के लिए कहा गया है जिससे उसकी शराब की लत छुड़वाने में मदद मिल सके। बचाव पक्ष की ओर से कोर्ट को जांच पर पूरा सहयोग करने के आश्वासन भी दिया गया है।
इस तमाम घटना को देखते हुए लोग यह सवाल उठाने लगे हैं कि क्या अगर आरोपी किसी सामान्य परिवार से होता तो भी उसे इतनी आसानी से ज़मानत मिल गई होती और क्या कार्यवाई का स्वरूप ऐसा ही रहता?