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Byju’s का साथ छोड़ रहे रजनीश कुमार और मोहनदास पई, एडवाइजरी बोर्ड से हटेंगे

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Credits: Wikimedia commons

Byju’s Crisis Worsen As Rajnish Kumar, Mohandas Pai Leaving Advisory Board: किसी समय भारत के एडटेक-स्पेस का चेहरा माने वाले वाले संकटग्रस्त स्टार्टअप Byju’s के लिए अभी भी राह आसान होती नजर नहीं आ रही है। इसके विपरीत कंपनी की मुश्किलें मानों निरंतर बढ़ ही रही हैं। इसी क्रम में अब रजनीश कुमार और मोहनदास पई ने भी Byju’s पर मालिकाना हक रखने वाली Think & Learn Pvt. Ltd. के एडवाइजरी बोर्ड को छोड़ने का फैसला कर लिया है।

जी हाँ! भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के पूर्व चेयरमैन रजनीश कुमार और Infosys के पूर्व चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर रहे मोहनदास पई ने थिंक एंड लर्न के संस्थापकों के साथ बातचीत के बाद अपना मन बना लिया है। दोनों ही कंपनी के सलाहकार परिषद के सदस्यों के रूप में अपने-अपने पद को छोड़ने जा रहे हैं।

Rajnish Kumar, Mohandas Pai Are Leaving Byju’s Advisory Board

इस संबंध में बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के हवाले से सामने आ रही जानकारियों के मुताबिक, रजनीश कुमार और मोहनदास पई एडवाइजरी बोर्ड के सदस्य के रूप में अपने कांट्रैक्चुअल एग्रीमेंट को रिन्यू नहीं करेंगे। असल में कंपनी में एडवाइजरी बोर्ड की सीट को लेकर दोनों का कॉन्ट्रैक्ट 30 जून 2024 को खत्म हो रहा है। Byju’s के मुताबिक, इस विषय में TLPL के फाउंडर्स के साथ चर्चा करने के बाद ही दोनों यह यह निर्णय लिया है।

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बताते चलें रजनीश कुमार और मोहनदास पई दोनों ने पिछले साल ही Byju’s के एडवाइजरी पैनल ज्वाइन किया था। यह वह समय था जब कंपनी लगातार लोगों के साथ छोड़ने, व वित्तीय संकट जैसी कई परेशानियों से घिरी हुई थी। Byju’s ने अपने निवेशकों कोआश्वस्त करने के लिए यह कदम उठाया था।

बोर्ड सदस्यों और कंपनी ने क्या कहा?

अपने इस कदम को लेकर रजनीश कुमार और मोहनदास पई ने एक संयुक्त बयान के तहत Byju’s को भविष्य के लिए शुभकामनाऐं दी हुए कहा कि बतौर एडवाइजर्स कंपनी में उनका साथ एक साल की निश्चित अवधि के आधार पर था। संस्थापकों से की गई बातचीत के बाद आपसी सहमति से तय किया गया कि एडवाइजरी काउंसिल का दोनों का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाना चाहिए।

हालाँकि इस बीच दोनों ने यह आश्वासन भी दिया कि भले औपचारिक रूप से वह कंपनी के साथ जुड़ाव खत्म कर रहे हैं, लेकिन संस्थापक व कंपनी हमेशा सलाह या मदद हेतु उन्हें संपर्क कर सकते हैं।

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वहीं Byju’s की ओर से संस्थापक व सीईओ ने मुश्किल समय में कंपनी का साथ देते हुए, उसे आगे बढ़ाने हेतु दोनों के प्रयासों की सराहना की और पिछले साल उनकी अमूल्य सहायता हेतु उनका आभार जताया।

मुश्किलों से घिरा है BYJU’S

दिलचस्प रूप से यह फैसला ऐसे समय आया है जब नकदी के संकट से जूझ रही एडटेक कंपनी Byju’s भारत में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में अपने ही शेयरधारकों के साथ कानूनी लड़ाई लड़ रही है। इतना ही नहीं बल्कि कंपनी के संस्थापक रवींद्रन बायजू पिछले कुछ समय में कई बार कंपनी के पुनरुद्धार में देरी के लिए कुछ विदेशी निवेशकों को जिम्मेदार बताते हुए संकेत दे चुके हैं।

असल में Byju’s बीतें कुछ सालों से पुनर्गठन से लेकर नए निवेश हासिल करने, मौजूदा वित्तीय संसाधन के इस्तेमल, राजस्व रिपोर्ट में देरी समेत कई तक की चुनौतियों से घिरा नजर आता है। इतना ही नहीं बल्कि कंपनी के कुछ दिग्गज निवेशकों ने खुले तौर पर कंपनी के संस्थापक और सीईओ के ख़िलाफ मोर्चा भी खोल रखा है।

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