Petrol Will Become Cheaper As Govt Reduces Windfall Tax: लोकसभा चुनावों के बीच देश में महंगाई से राहत को लेकर एक बड़ी अपडेट सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि जल्द देश की जनता को शायद अभी के मुकाबले सस्ता पेट्रोल-डीजल मिल सके। इसके पीछे वजह है टैक्स को लेकर केंद्र सरकार का लिया गया एक बड़ा फ़ैसला, जिसके चलते बाजार में कई तरह की अटकलें लगाई जाने लगी हैं।
असल में केंद्र सरकार ने घरेलू स्तर पर पैदा होने वाले कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को कम करने का निर्णय लिया है। सरकार ने घरेलू कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को ₹8,400 प्रति टन से घटाकर ₹5,700 प्रति टन कर दिया है। यह लगातार दूसरी बार है जब सरकार ने विंडफॉल टैक्स में कटौती की है।
Petrol Will Become Cheaper?
इसके पहले 1 मई को केंद्र सरकार ने कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को लेकर की गई समीक्षा के तहत इसे कम करते हुए ₹9,600 प्रति टन से घटाकर ₹8,400 प्रति टन कर दिया था।
न्यूज़North अब WhatsApp पर, सबसे तेज अपडेट्स पानें के लिए अभी जुड़ें!
ये इसलिए भी दिलचस्प हो जाता है क्योंकि इसके पहले 16 अप्रैल को भी विंडफॉल टैक्स में बदलाव किए गए थे। लेकिन तब इसे ₹6,800 प्रति टन से बढ़ाकर ₹9,600 प्रति टन कर दिया गया था।
क्या है विंडफॉल टैक्स?
विंडफॉल टैक्स हमेशा से ही काफ़ी चर्चा में रहा है। और सामान्यतः सरकार इसको बढ़ाते ही नजर आई है। विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एसएईडी) के रूप में लगाए जाने वाले विंडफॉल टैक्स को कम करना क्या आम जनता को भी राहत पहुँचा सकेगा, यह देखनें वाली बात होगी।
वैसे एनडीटीवी की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, देश भर में पेट्रोल-डीजल के दाम 17 मई की सुबह 6 बजे अपडेट किए गए। इसमें आज कई राज्यों में पेट्रोल डीजल के रेट बढ़ गए हैं, जबकि देश के कुछ राज्यों में पेट्रोल-डीजल सस्ता हो गया। कई राज्य ऐसे भी रहे जहां क़ीमतों पर कोई बदलाव देखनें को नहीं मिला।
वहीं आपकी जानकारी के लिए बता दें, डीजल, पेट्रोल और जेट ईंधन या एटीएफ के निर्यात पर एसएईडी को सरकार ने ‘शून्य’ ही रखा है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडाइरेक्ट टैक्सेज (सीबीआईसी) ने भी अपने नए आदेश में बताया है कि इन नई दरों को 16 मई से लागू कर दिया जाएगा। फिलहाल 16 मई तक दिल्ली में पेट्रोल की कीमत ₹94.72 प्रति लीटर रहीं, तो डीजल ₹87.62 प्रति लीटर पर बिका।
देश में विंडफॉल टैक्स को पहली बार 1 जुलाई 2022 से लागू किया गया था। यह टैक्स एनर्जी कंपनियों के मुनाफे पर लगाया जाता है। डीजल, पेट्रोल और विमानन ईंधन के निर्यात पर भी इसी तर्ज पर ड्यूटी लगाई गई थी।
असल में कुछ प्राइवेट रिफाइनरी कंपनियां अधिक मुनाफा कमाने के चलते डीजल, पेट्रोल और एटीएफ की घरेलू बाजार में न बेच कर उनका निर्यात करती थीं। लेकिन विंडफॉल टैक्स भी निर्यात पर लगने वाला एक टैक्स है। और इसको लेकर केंद्र सरकार की ओर से तय अवधि में निरंतर समीक्षा की जाती रहती है।