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डायबिटीज से लेकर हार्ट, लीवर तक की दवाएं हुई सस्ती, सरकार ने जारी की लिस्ट

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Medicines Prices Reduced By Indian Government: सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए सामान्य रूप से इस्तेमाल होने वाली तमाम दवाओं की कीमतों में कटौती की है। यह निर्णय केंद्र सरकार की संबंधित एजेंसी नेशनल फार्मास्यूटिकल्स प्राइसिंग अथॉरिटी (National Pharmaceutical Pricing Authority) द्वारा लिया गया है। इसके तहत डायबिटीज, हार्ट, लीवर व आदि से जुड़ी बीमारियों के इलाज में उपयोग की जाने वाली लगभग 41 दवाओं की कीमतें घटा दी गई हैं।

जाहिर है शुगर, हार्ट और लीवर की बीमारी से जूझ रहे रोगियों के लिए यह एक राहत की खबर है क्योंकि इन तमाम बीमारियों के इलाज के लिए आमतौर पर इस्तेमाल होने वाली 41 दवाओं और छह फॉर्मूलेशन की कीमतें कम कर दी गई हैं। इसके चलते अब रोगियों के जेब पर पड़ने वाला बोझ थोड़ा कम हो सकेगा।

Medicines Prices Reduced

फार्मास्यूटिकल्स विभाग और राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) द्वारा जारी एक अधिसूचना में यह बताया गया है कि इस निर्णय के तहत सस्ती होने वाली दवाओं में एंटासिड, मल्टीविटामिन और एंटीबायोटिक्स भी हैं।

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इस बीच राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने सस्ती की गई दवाइयों की सूची जारी की है। इन दवाइयों में डेपाग्लिफ्लोज़िन मेटफॉर्मिन हाइड्रोक्लोराइड एक्सटेंडेड रिलीज़ व ग्लिम्पिराइड टेबलेट्स डाइक्लोफिनेक डाईइथाइलमीन मिथाइल सैलिसिलेट वर्जिन लिन्सीड ऑयल व मेंथॉल टॉपिकल स्प्रे पोविडोनआयोडीन व ऑर्निडाज़ोल मलहम बिसोप्रोलोल फ्यूमरेट व टेल्मिसार्टन और सेफिक्सिम ऐंड ओफ्लोक्सासिन ओरल सस्पेंशन आदि शामिल हैं।

इस फ़ैसले के तहत फार्मास्यूटिकल्स विभाग और राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल मूल्य निर्धारण प्राधिकरण की ओर से सभी फार्मा कंपनियों को यह निर्देश दिया गया है कि वे विभिन्न दवाओं की कम कीमतों की जानकारी तत्काल प्रभाव से डीलरों और स्टॉकिस्टों को प्रदान करें।

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आपको बता दें राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल मूल्य निर्धारण प्राधिकरण या कहें तो एनपीपीए ने अपनी 143वीं बैठक में यह फैसला लिया है। आज के समय में आम लोगों की अहम मांगो में से एक यह भी है कि उन्हें उचित इलाज किफायती दरों पर उपलब्ध हो। ऐसे में यह निर्णय आवश्यक दवाओं की कीमतें जनता के लिए सस्ती कर देगा।

गौर करने वाली बात ये भी है कि दुनिया के डायबिटीज रोगियों वाले देशों में भारत शीर्ष के देशों में शुमार रहा है। भारत में शुगर/डायबिटीज के 10 करोड़ से अधिक रोगी बताए जाते हैं। ऐसे में इतनी व्यापक संख्या में रोगियों को कम कीमतों का लाभ मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। लेकिन देखना यह भी है कि सरकार के इस निर्णय के बाद फार्मा कंपनियां कीमतों में कितनी कटौती करती हैं और कब से बाजार में संशोधित क़ीमतें उपलब्ध हो जाएगीं।

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