Action Against 70 Policemen For Extorting Money During Passport Verification: पासपोर्ट वेरिफिकेशन के दौरान आवेदकों को बेवजह परेशान न करने के लाख निर्देशों के बावजूद तमाम जगहों से पुलिस द्वारा धनउगाही की शिकायतें सामने आती रहती हैं। लेकिन अब उत्तर प्रदेश के गोरखपुर रेंज में ऐसे पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ DIG आनंद कुलकर्णी ने एक बड़ी कार्यवाई की है, जो शायद अन्य पुलिसकर्मियों के लिए भी एक उदाहरण बन सके।
असल में धनउगाही की मंशा के साथ पासपोर्ट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया में बेवजह देरी करने गोरखपुर रेंज के चारों जिलों के लगभग 70 पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ कड़ी कार्यवाई की मिसाल पेश की गई है। बताया जा रहा है कि डीआईजी आनंद कुलकर्णी द्वारा खुद इन शिकायतों की जांच करवाई गई, जिसके बाद इस पूरे मामले का खुलासा हो सका।
Action Against 70 Policemen For Extorting Money During Passport Verification
इस मामले में मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से यह सामने आया है कि पासपोर्ट वेरिफिकेशन में पैसे की वसूली को लेकर तय प्रक्रिया को लटकाने जैसी शिकायतों को बढ़ता देख डीआईजी कार्यालय की ओर से जांच की गई, जिसमें यह सामने आया है कि गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज जिले में तैनात लगभग 70 पुलिस वालों ने पासपोर्ट सत्यापन के दौरान मनमाना रैवैया अपनाया।
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इस धनउगाही की समस्या से जुड़े फीडबैक पासपोर्ट आवेदनकर्ताओं की ओर से प्रदान किए गए। अनुमानित आँकड़ों के मुताबिक, गोरखपुर रेंज के इन 4 ज़िलों – गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज में हर महीने लगभग 10,000 से 15,000 पासपोर्ट आवेदन किए जाते हैं।
बता दें पासपोर्ट जारी होने से पहले, स्थानीय थाने के स्तर पर पासपोर्ट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया की पूरी की जाती है। इसके बाद संबंधित क्षेत्र के डीआईजी कार्यालय द्वारा आवेदकों से सत्यापन प्रक्रिया के अनुभव व पुलिसकर्मियों की कार्यप्रणाली को लेकर फीडबैक लिया जाता है। इसी के चलते धनउगाही व लापरवाही की काफी शिकायतें मिलने की बात सामने आई।
बताया जा रहा है कि डीआईजी आनंद कुलकर्णी ने इन तमाम फीडबैक को गंभीरता से लेते हुए, विभाग के संबंधित पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्यवाई की है। इसके बाद से ही पूरे विभाग में हड़कंप सा मच गया है। इसमें सिपाही से लेकर पुलिस अधिकारियों समेत विभिन्न स्तर के पुलिसकर्मी शामिल रहे।
इन पुलिसकर्मियों पर पासपोर्ट आवेदकों को बेवजह परेशान करने, सत्यापन के बदले पैसों की मांग करने व काम में लापरवाही बरतने जैसे आरोप हैं। हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, समीक्षा के बाद डीआइजी ने जांच में आरोप की पुष्टि होने पर 5 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।
इसके साथ ही लगभग 7 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया है। वहीं डीआईजी कार्यालय की ओर से 21 को लघुदंड दिया गया, जबकि सत्यापन के लिए आवेदक के घर न जाने वाले 17 पुलिसकर्मियों को चेतावनी दी गई। इसके अलावा आवेदक को परेशान करने के चलते कुछ पुलिसकर्मियों का पटल परिवर्तन भी किए जाने की सूचना सामने आई है।