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CBI में कर्मचारियों की भारी कमी, जांच भी हो रहीं प्रभावित? जाने सच!

CBI will investigate CGPSC 2021 exam in Chhattisgarh

image credit: CBI Official website

Shortage of staff in CBI: केंद्र सरकार की जांच एजेंसियों में से एक सीबीआई में काम करने वाले स्टॉफ की भारी कमी है, जिसका कबूलनामा ख़ुद सीबीआई द्वारा कोर्ट के सामने किया गया, सीबीआई ने कोर्ट से निवेदन करते हुए प्रतिनियुक्ति में स्टाफ दिलाने की अनुरोध किया था, जिसके बाद कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश देते हुए प्रतिनियुक्ति में एक डीएसपी रैंक के अधिकारी सहित दो एएसआई को सीबीआई स्टॉफ में प्रतिनियुक्त करने का आदेश जारी किया।

दरअसल मामला हरियाणा राज्य से संबंधित है जहा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट राज्य की संपत्ति के निपटान को सुनिश्चित करने और नगर परिषद के राजस्व के दुरुपयोग को सुनिश्चित करने में लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए जांच एजेंसी द्वारा की गई खामियों की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी, संबंधित याचिका में सभी पक्षों के सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि, उक्त सभी आरोपों को लेकर एक स्वतंत्र जांच की आवश्कता है।

इसके बाद पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की जस्टिस भारद्वाज की बेंच ने सीबीआई को मामले की जांच करने को कहा और चार महीने के अंदर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया, जिसके जवाब में सीबीआई ने कोर्ट में स्टाफ की कमी का हवाला देते हुए जांच से अपनी असमर्थता जाहिर की।

सीबीआई की हाईकोर्ट से स्टाफ की मांग

साथ ही उक्त जांच के लिए कोर्ट से निवेदन करते हुए राज्य सरकार से एक डीएसपी और दो एएसआई रैंक के अधिकारी प्रतिनियुक्त करना के निर्देश देने की मांग की गई थी, जिसके बाद कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश देते हुए सीबीआई स्टाफ में तीन (Shortage of staff in CBI) अधिकारियों को देने के आदेश जारी किए। आदेश में इस बात का जिक्र भी स्पष्ट किया गया कि उक्त सभी अधिकारी ऐसे नियुक्त किए जाए जो अब तक या पहले भी किसी भी तरह की जांच में न जुड़े हो।

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जस्टिस विनोद एस भारद्वाज ने अपने फैसले में क्या कहा?

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस विनोद एस भारद्वाज ने अपने फैसले में कहा,  “हरियाणा सरकार को केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा की जाने वाली जांच के लिए पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) रैंक के एक जांच अधिकारी और ASI रैंक के दो व्यक्तियों को तैनात करने का निर्देश दिया जाता है।” हाई कोर्ट ने इसके साथ ही राज्य सरकार से मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट सुनवाई की अगली तारीख से पहले तलब की है।

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