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घोस्ट मॉल क्या होते हैं? भारत में तेजी से बढ़ रही है इनकी संख्या, जानें वजह?

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Number of ghost malls is increasing in India: भारत में बढ़ती “घोस्ट मॉल” संख्या ने देश में चिंता को बढ़ाने का काम किया है। देश में 8 के करीब प्रमुख शहरों में ऐसे मॉल की संख्या बढ़ी है। घोस्ट शॉपिंग सेंटर की बढ़ती संख्या ने भारत के अंदर करोड़ो डॉलर का नुकसान करवाया है। इस संबंध में एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई है और बढ़ते घोस्ट मॉल को लेकर चिंता व्यक्त की गई है।

नाइट फ्रैंक इंडिया ने अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में घोस्ट मॉल  को लेकर चिंता जताई है, थिंक इंडिया थिंक रिटेल 2024 के नाम से जारी इस रिपोर्ट में उन 8 शहरों के नाम भी सामने आए हैं, जहां ऐसे मॉल की संख्या लगातार बढ़ रही है।

क्या होता है घोस्ट मॉल?

सबसे पहले आपके जहन में यह प्रश्न उठ रहा होगा, घोस्ट मॉल क्या होता है? हम बता दे, घोस्ट मॉल उस मॉल को कहा जाता है जिसमें 40 प्रतिशत से अधिक जगह खाली जगह होती है। यानी जिन मॉल्स में 40 फीसदी से ज्यादा जगह या तो खाली पड़ी हो या इनमें कोई खरीदारी करने नहीं आता है या फिर ये बंद पड़े हैं, वो इस सूची में आते हैं।

₹6700 करोड़ तक का हुआ नुकसान

साल दर साल “घोस्ट शॉपिंग मॉल” की संख्या में इजाफा देखने को मिला है, नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 के मुकाबले घोस्ट शॉपिंग सेंटर की संख्या 57 से बढ़कर साल 2023 में 64 हो गई है। जिस वजह से अब इससे आर्थिक रूप से नुकसान भी बढ़ा है, घोस्ट शॉपिंग सेंटर की संख्या (Number of ghost malls is increasing in India)  बढ़ने से ₹6700 करोड़ का नुकसान का अनुमान है।

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दिल्ली एनसीआर में सबसे अधिक

देश में सबसे अधिक “घोस्ट शॉपिंग मॉल” दिल्ली से है जहां अब तक देश के 64 खाली मॉल की संख्या में से 21 अकेले दिल्ली एनसीआर से है, दूसरे नंबर में बेंगलुरु और तीसरे में मुंबई का नाम है जहा क्रमश: 12 और 10 की संख्या में मॉल का आधे से अधिक हिस्सा खाली पड़ा है। इसके अतिरिक्त कोलकाता में 6 , हैदराबाद में 5, अहमदाबाद में 4 और तीन चेन्नई और तीन पुणे में है ऐसे मॉल है जो घोस्ट मॉल की सूची में आते हैं। इसके साथ ही अपनी रिपोर्ट में नाइट फ्रैंक ने कहा है कि इन एक साल के भीतर महानगरों में शॉपिंग सेंटर्स की संख्या घटी है। साल 2023 में शॉपिंग केंद्र की कुल संख्या घटकर 263 रह गई, पिछले साल 16 शॉपिंग मॉल बंद हो गए थे।

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वजह क्या बताई गई?

मॉल के अंदर बढ़ते सन्नाटे को लेकर नाइट फ्रैंक इंडिया के सीएमडी शिशिर बैजल ने जो वजह बताई है वह लोगों की सोच को परिवर्तन की ओर इशारा कर रही है। उन्होंने कहा, ‘बढ़ती खर्च योग्य आय, युवा जनसांख्यिकी और शहरीकरण से प्रेरित उपभोग की गति संगठित खुदरा क्षेत्र के पक्ष में है।’ उन्होंने कहा कि खरीदारों के लिए बेहतर खुदरा अनुभव महत्वपूर्ण है, जो भौतिक खुदरा स्थानों के महत्व को उजागर करता है।

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