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MPPSC: चयन प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, आरक्षित वर्ग के प्रतिभावान अभ्यर्थियों से जुड़ा मामला

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Supreme Court big decision on MPPSC selection process: सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार बुधवार (1 मई 2024) को मध्यप्रदेश की सबसे महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षा एमपीपीएससी से संबंधित एक याचिका की सुनवाई में फैसला सुनाते हुए आरक्षित वर्गों के छात्रों के लिए खुश होने का मौका दिया है।

देश की सर्वोच्च अदालत में न्यायूर्ति सीटी रवि कुमार और न्याय मूर्ति संजय कुमार की पीठ ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के दो अलग अलग आदेशों और विरोधभासी फैसलों और विसंगति को दूर करते हुए अपने फैसले में कहा है कि, आरक्षित श्रेणी का कोई उम्मीदवार अपनी काबिलियत से सामान्य श्रेणी में चयनित होता है तो उसे अपनी आरक्षित श्रेणी कोटे में नही गिना जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला एमपी हाईकोर्ट के डबल बेंच के उस फैसले में भी मोहर लगा दिया है, जिसमें यह अभिनिर्धारित किया गया था कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की चयन प्रक्रिया के प्रत्येक चरण में आरक्षित वर्ग के (Supreme Court big decision on MPPSC selection process)  प्रतिभावान अभ्यर्थियों को अनारक्षित वर्ग में शामिल करें।

वही प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा में आरक्षित वर्ग के प्रतिभावान अभ्यर्थियों को शामिल नहीं किए जाने से सम्बंधित डिवीजन बेंच क्रमांक-दो के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में असंवैधानिक करार दिया।

सुप्रीम कोर्ट का इस संबंध में फैसला आने के बाद मध्यप्रदेश हाइकोर्ट के दो डिविजन के परस्पर अलग अलग फैसलों की वजह से पैदा विरोधावास का पटाक्षेप हो गया है।

मध्य प्रदेश आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 4 (4) का जिक्र

देश की शीर्ष अदालत ने मध्य प्रदेश आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 4 (4) को परिभाषित करते हुए कहा कि आरक्षित वर्ग के प्रतिभावान अभ्यर्थियों को अंतिम स्टेज में शामिल किया जाना असंवैधानिक है, कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अगर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने कोई छूट प्राप्त नहीं की है, तो भर्ती के प्रत्येक चरण में अनारक्षित वर्ग में उन्हें शामिल किया जाए।

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शासन द्वारा परीक्षा भर्ती नियमों में संशोधन को संवैधानिक बताया

पीएससी परीक्षा 2019 और राज्य सेवा परीक्षा भर्ती नियम 2015 में शासन द्वारा 20 दिसंबर 2021 को नियम 4 में किए गए संशोधन को सुप्रीम कोर्ट ने संवैधानिक बताया, आपकों बता दे, इस नियम में प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा में अनारक्षित पदों के सभी वर्गों के मेरिटोरियस (मेधावी)  अभ्यर्थियों से भरे जाने का प्रावधान है।

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