Manipur Violence – 2 CRPF Soldiers Martyred In Kuki Militants Attack: मणिपुर में हिंसा का दौर फिलहाल खत्म होता दिखाई नहीं पड़ रहा है। प्रदेश के नारानसेना इलाके में शुक्रवार की आधी रात से शुरू हुए कुकी उग्रवादियों के एक हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के दो जवान शहीद हो गए। यह हमला लोकसभा चुनावों के लिए मतदान खत्म होने के बाद किया गया।
कुकी उग्रवादियों की ओर से 26 अप्रैल की देर रात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की बटालियन पर हमला कर दिया गया। इस हमले में सीआरपीएफ के 2 जवान शहीद हो गए हैं, जबकि कुछ जवान घायल भी बताए जा रहे हैं। बता दें, कुकी संगठनों ने मणिपुर में लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया था।
Manipur Violence – Kuki Militants Attack On CRPF
सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, इस हमले में शहीद हुए दोनों जवान सीआरपीएफ की 128वीं बटालियन के बताए जा रहे हैं। ये जवान मणिपुर के बिष्णुपुर जिले स्थित नारनसेना इलाके में ड्यूटी पर तैनात थे। इस मामले को लेकर स्थानीय पुलिस का कहना है कि सीआरपीएफ जवानों और कुकी उग्रवादियों के बीच संघर्ष आधी रात से शुरू होकर सुबह 2:15 बजे तक चलता रहा।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बिष्णुपुर जिले के मोइरांग पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले नारनसेना गांव में इस घटना को अंजाम दिया गया है। इस दौरान कुकी उग्रवादियों की ओर से पहाड़ी की तरफ से घाटी क्षेत्र में सीआरपीएफ बटालियन पर गोलीबारी की गई। बटालियन के पोस्ट पर बम फेंके जाने की भी सूचना सामने आई है।
इस बम का विस्फोट इतना भयानक था कि इसकी चपेट में आने से लगभग 4 सीआरपीएफ चार जवान घायल हो गए। इस हमले के तहत उग्रवादियों ने सीआरपीएफ के शिविर को निशाना बनाया था। बम और पहाड़ी की ओर से अंधाधुंध गोलियाँ बरसाई गई।
कैंप में गोलीबारी रात लगभग 12:30 बजे शुरू हुई और करीब लगभग 2:15 तक गोलियों की आवाज़ आती रही। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इन सीआरपीएफ जवानों को इंडिया रिजर्व बटालिन (IRBn) शिविर की सुरक्षा में तैनात किया गया था। शहीद होने वाले जवानों के नाम उप-निरीक्षक एन सरकार और हेड कांस्टेबल अरूप सैनी हैं।
चुनाव के दौरान घटना
इसके पहले 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के मतदान के दौरान भी मणिपुर में हिंसा की कुछ घटनाएं देखनें को मिली थीं। इनमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) में तोड़फोड़ से लेकर, कुछ लोगों के घायल होने की बात सामने आई थी। इसी वजह से 22 अप्रैल को आंतरिक मणिपुर निर्वाचन क्षेत्र के 11 मतदान केंद्रों पर पुनः वोटिंग करवाई गई।
आपको बता दें मणिपुर पिछले साल मई से ही हिंसा की आग में जल रहा है। स्थानीय कुकी और मैतेई समुदाय के बीच आरक्षण समेत कुछ मुद्दों को लेकर ये हिंसा का दौर शुरू हुआ, जिसमें अब तक आधिकारिक रूप से 200 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। लेकिन ये आँकड़े आधिकारिक रूप से सामने आए हैं, जबकि स्थानीय लोगों का कहना है कि संख्या इससे कहीं अधिक भी हो सकती है।