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सुप्रीम कोर्ट WhatsApp पर देगा फाइलिंग, लिस्टिंग व अन्य जरूरी अपडेट्स: रिपोर्ट

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Supreme Court To Use WhatsApp Officially?: देश की सर्वोच्च अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट में Meta के मैसेजिंग ऐप WhatsApp का आधिकारिक इस्तेमाल बढ़ सकता है। सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कथित तौर पर यह संकेत दिए हैं कि सुप्रीम कोर्ट जल्द WhatsApp पर ही लिस्टिंग व फाइलिंग जैसी तमाम अपडेट्स शेयर करने की शुरुआत कर सकता है।

इसका खुलासा कानूनी जगत से जुड़े समाचार प्रकाशन Live Law की एक हालिया रिपोर्ट में किया गया है। इस रिपोर्ट की मानें तो शीर्ष अदालत मैसेजिंग प्लेटफॉर्म WhatsApp के जरिए अधिवक्ताओं के साथ फाइलिंग, लिस्टिंग व अन्य तमाम जानकारियाँ व अपडेट साझा करने की शुरुआत कर सकती है।

Supreme Court Will Share Updates On WhatsApp

इस रिपोर्ट में कहा गया कि मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने आज सुप्रीम कोर्ट द्वारा शुरू की गई आईटी सेवाओं के साथ WhatsApp मैसेजिंग सेवा के एकीकरण की पहल का कथित ऐलान किया है। इस नए कदम के तहत सभी एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड और पक्षकारों को दायर मामलों से संबंधित महत्वपूर्ण अपडेट सीधे उनके व्हाट्सएप नंबर पर भेजी जाएँगी।

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बताया गया कि खुद भारत के सीजेआई न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ का मानना है कि इस पहल में एक ‘बड़ा प्रभाव’ लाने की क्षमता है। सीजेआई की ओर से यह भी साझा किए जाने की बात सामने आई है कि इस कदम के तहत मुख्य रूप से तीन तरह की अपडेट्स प्राप्त हो सकेंगी।

अदालत में एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड और व्यक्तिगत रूप से पक्षकारों को – इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग, कारणसूचियाँ और आदेश और निर्णय के संबंध में ऑटोमेटिक अपडेट मैसेज मिल सकेंगे। ये ऑटोमेटिक अपडेट मैसेज केस या मामले के सफल दाखिल होने पर प्राप्त होंगे।

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इतना ही नहीं बल्कि पहले से दर्ज मामलों में रजिस्ट्री द्वारा चिह्नित आपत्तियों के बारे में कोई सूचना आदि भी WhatsApp मैसेज पर भेजी जा सकेगी। और तो और कारण सूची प्रकाशित होने पर रजिस्ट्री द्वारा बार के सभी सदस्यों को मैसेज भेज किया जाएगा। कोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध आदेश व निर्णयों को भी WhatsApp के ज़रिए भेज दिया जाएगा।

यह एक तरीके का एकतरफा कम्यूनिकेशन होगा, जिसका मतलब है कि WhatsApp पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से भेजे गए संदेश का रिप्लाई देना या कुछ प्रश्न पूछना सम्भव नहीं होगा। रिपोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के आधिकारिक नंबर का भी जिक्र किया गया है, जो 876 876 76  है।

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