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पतंजलि को फिर सुप्रीम कोर्ट से फटकार, पूछा – ‘अखबारों में माफीनामा का साइज क्या विज्ञापन जैसा ही है?

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image credit: baba ramdecv official facebook account

Patanjali apology case in Supreme Court: बाबा रामदेव और उनके साथी बालकृष्ण की सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका में आज (23 अप्रैल 2024) मंगलवार फिर सुनवाई हुई है, कोर्ट ने सुनवाई के बाद एक बार फ़िर बाबा रामदेव को जमकर फटकार लगाई है।

अदालत में सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण दोनों ही कोर्ट में मौजूद रहें, कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 30 अप्रैल को फिर पेश होने को कहा है।

आज सुनवाई में कोर्ट की टिपण्णी

कोर्ट में अवमानना मामले में सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव के वकील मुकुल रोहतगी की ओर से कहा गया कि, संस्था के द्वारा कई अखबारों में माफीनामा छपवाया है।

जिसे लेकर कोर्ट ने टिप्पणी में माफ़ी वाले विज्ञापन की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाया है कोर्ट ने पतंजलि की ओर से माफीनामा को अखबार को छापने वाले समय को सुनवाई के एक दिन पूर्व छपाए जाने को लेकर प्रश्न किया, इसके अलावा बेंच ने ये भी सवाल उठाया कि आखिर माफीनामा उतना ही बड़ा छपा है, जितना बड़ा पतंजलि का विज्ञापन छपता है।

माफीनामे को ऑन रिकॉड पेश करने के आदेश

कोर्ट ने बाबा रामदेव की संस्था पतंजलि योगपीठ के द्वारा अखबारों में छपवाए गए माफीनामे वाले संदेश को दो दिन के भीतर कोर्ट में रिकॉर्ड के रूप में प्रस्तुत करने का आदेश दिया हैं।

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क्या है मामला?

बाबा रामदेव और उनकी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ कोर्ट की अवमानना के तहत 2022 में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें कोविड टीकाकरण और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के खिलाफ एक दुष्प्रचार अभियान चलाने का आरोप (Patanjali apology case in Supreme Court) लगाया गया है। जिसके जवाब में बाबा रामदेव और उनकी कंपनी की ओर से सुप्रीम कोर्ट मे माफ़ी मांगी थी,जिसे लेकर अब कोर्ट ने अब तक बाबा रामदेव को माफ़ी नहीं दी है। हालांकि 19 अप्रैल को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बाबा रामदेव और उनकी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद , उनके सहयोगी बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद को भ्रामक विज्ञापन मामले में सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने के लिए एक सप्ताह का समय दिया था। जिसके जबाव में संस्था ने अब तक 67 अखबारों में माफीनामा छपवाने की बात कही हैं।

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