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IIIT इलाहबाद में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप तैयार बायोमेडिकल इंजीनियरिंग कोर्स में होंगे दाखिले

IIIT इलाहबाद में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप तैयार बायोमेडिकल इंजीनियरिंग कोर्स में होंगे दाखिले

  • नए शैक्षणिक सत्र 2024-25 में छात्र शिक्षा नीति के अनुरूप तैयार कोर्स में दाखिला ले सकेंगे.
  • कोर्स बायोमेडिकल इंजीनियरिंग को लेकर तैयार किया गया.
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Biomedical engineering course IIIT Allahabad: भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान से एमटेक बायोमेडिकल इंजीनियरिंग कोर्स भी किया जा सकता है। नए शैक्षणिक सत्र 2024-25 में छात्र शिक्षा नीति के अनुरूप तैयार कोर्स में दाखिला ले सकेंगे, यह कोर्स बायोमेडिकल इंजीनियरिंग को लेकर तैयार किया गया है, एमटेक के इस पाठ्यक्रम में छात्रों के लिए बायोमेडिकल इंस्ट्रूमेंटेशन, बायो-एमईएमएस और माइक्रोफ्लुइडिक्स, मेडिकल इमेजिंग, बायोमैटीरियल्स, बायोमैकेनिक्स और बायोइनफॉरमैटिक्स आदि विषयों को शामिल किया गया है। संस्था इसमें ग्रेजुएट एप्टीट्यूट टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट) स्कोर के आधार पर 20 सीटों में दाखिले देगी।

ज्ञात हो, ट्रिपल आईटी इलाहाबाद 2012 में बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड एमटेक के रूप में शुरू किया गया था। पंरतु इसे बंद करना पड़ा, अब निकलकर आई नई जानकारी में संस्था ने इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप पीजी प्रोगाम के तहत दो वर्षो का कोर्स निर्माण किया है। इसमें छात्रों को बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में रोजगार के लिए तैयार किया जाएगा।

इस संबध में जानकारी देते हुए संस्था के रजिस्टार डॉ सतीश कुमार सिंह ने बताया कि, इस कार्यक्रम के जरिए (Biomedical engineering course IIIT Allahabad) नवाचार की सोच के लिए जैव चिकित्सा विज्ञान में आईटीआई के ज्ञान को विकसित करने की अच्छी समझ रखने वाले व्यवसायिक लोगों को तैयार किया जाएगा।

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हेट फ्यूजन सॉफ्टवेयर के निर्माण से चर्चाओ में

IIIT इलाहबाद अभी पिछले महीने पूर्व अपने एक छात्र द्वारा हेट फ्यूजन सॉफ्टवेयर के निर्माण के कारण चर्चाओं में था, IIIT के डीप लर्निंग लेबोरेटरी में पीएचडी के स्टूडेंट अशोक यादव ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर का निर्माण किया था, जो सोशल साइट्स पर हेट स्पीच या वर्ड्स को पकड़ने में सक्षम था, इसकी सहायता से सोशल मीडिया में पोस्ट किए गए हेट स्पीच और गलत पोस्ट को पहचान के रोका जा सकता था, जिसे चुनावों के दौरान बहुत उपयोगी होने का दावा भी किया गया था हालांकि यह सिर्फ़ अंग्रेजी भाषा में ही काम करता था, जिसे अन्य भाषाओं के अनुरूप तैयार करने की बात कही गई थी।

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