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चुनाव 2024: EVM और VVPAT मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, ये रहीं टिप्पणियां

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Hearing in Supreme Court regarding EVM and VVPAT case: इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के वोटों और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों की 100% क्रॉस-चेकिंग की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका की सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच कर रही हैं, इस दौरान कोर्ट के द्वारा चुनाव आयोग से वोटिंग में सटीक और निष्पक्षता और वोटिंग व चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता कायम रखने और शक की आंशिक गुंजाइश भी न बचे इसके लिए क्या किया जा रहा है? पूछा गया।

चुनाव आयोग ने एल्गोरिदम गलतियों को किया खत्म

2019 में हो रही एल्गोरिदम गलतियों को चुनाव आयोग ने ठीक कर लिया है, अब यह ठीक से काम कर रहा है जिसकी जानकारी आयोग के ओर से पेश वकील ने कोर्ट में दी। इसके अलावा जस्टिस खन्ना ने मशीन से जो जो डेटा लिया गया है वह ऐप से मिला है! ये कैसे काम करता है? के प्रश्न के जवाब में आयोग के वकील ने कहा, इसे कोई भी प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकता है और वोटिंग परसेंट देख सकता है।

पोलिंग अधिकारी कुल वोट्स की संख्या देख सकते है

जस्टिस खन्ना ने आयोग से सवाल किया कि पोलिंग अधिकारी के लिए किसी भी वक्त तक वोट कितने पड़े ये नंबर देख पाना पॉसिबल है या उसे आखिर तक इंतजार करना पड़ेगा।

इसके जवाब में आयोग की ओर से कहा गया पोलिंग अधिकारी सिर्फ़ केवल कुल वोट्स की संख्या देख सकते हैं।

वोटर्स को वीवीपीटी पर्ची देने की मांग

कोर्ट में याचिका दायर करने वाले याचिकर्ता ने वीवीपीटी पर्ची वोटर्स के हाथ में देने की बात कही, जिसे वह वैलेट बॉक्स में डालकर आशावत हो सके कि उनका वोट उनके दिए प्रत्याशी को गया है। इसके लिए याचिकर्ता के ओर से पेश वकीलों ने कहा, वोटर्स की प्राइवेसी के चलते वोटिंग के अधिकार को किनारे नहीं किया जा सकता है।

कोर्ट ने इस पर चुनाव आयोग से वोटिंग की प्रकिया के बारे में पूर्ण प्रकिया को बताने को कहा, जिसमें वीवीपैट की गिनती कैसे होती है, मैकेनिज्म क्या है, जिससे तय हो कि कोई छेड़छाड़ ना हो। आखिर विरोध क्यों हो रहा है?

इस प्रश्न का जबाव में आयोग की ओर से पेश वकील ने कहा कि ये केवल आशंकाएं हैं। इस पर कोर्ट ने (Hearing in Supreme Court regarding EVM and VVPAT case) कहा कि चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता कायम रहनी चाहिए, शक नहीं होना चाहिए कि ये होना चाहिए था और हुआ नहीं।

केरल में मार्कपोल में भाजपा को ज्यादा वोट

सुनवाई के दौरान जस्टिस खन्ना ने अपने प्रश्न में केरल में मॉकपोल के दौरान EVMs में भाजपा के फेवर में ज्यादा वोट रिकॉर्ड किए जाने का आरोप लगाया गया था, उसे भी देखिए! इसके जबाव में आयोग ने कहा, यह आरोप पूरी तरह निराधार है।

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गौरतलब हो, लोकसभा चुनावों की वोटिंग से पूर्व इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के वोटों और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों की 100% क्रॉस-चेकिंग की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई में चुनावों में वोटिंग को लेकर कई बातें स्पष्ट होगी जिसे लेकर देश में कई प्रकार की आशंका जताई जाती रही है।

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कोर्ट में याचिकाकर्ताओं की तरफ से एडवोकेट प्रशांत भूषण, गोपाल शंकरनारायण और संजय हेगड़े पैरवी कर रहे हैं। प्रशांत भूषण एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की तरफ से पेश हुए। वहीं चुनाव आयोग की ओर से एडवोकेट मनिंदर सिंह मौजूद हैं।

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