Electricity is going to be expensive: उत्तराखंड में बढ़े हुए पानी के बिलों के बाद अब बिजली बिल भी आम लोगों को झटका देने जा रहे है, जहा पहले ही यूपीसीएल ने फ्यूल चार्ज अर्जेसमेंट के नाम पर अप्रैल के पहले ही सप्ताह में प्रति यूनिट 7 पैसे की बढ़ोतरी की थी वही अब निकलकर आई नई जानकारी के अनुसार बिजली उपभोक्ता को आम चुनावों में वोटिंग के बाद एक और झटका दिया जा सकता हैं।
दरअसल बिजली विभाग आम चुनावों में वोटिंग के बाद अप्रैल के आखरी सप्ताह में बिजली दरों को पुनः संधोधित करते हुए साल भर के लिए नई बिजली दरों को लागू करेगा, इसमें अनुमान के मुताबिक बिजली की दरों में वृद्धि संभावित है।
ज्ञात हो, बिजली नियामक आयोग मार्च में प्रति वर्ष नई बिजली दरों को लागू करने का कार्य करता है, लेकिन इस वर्ष आम चुनाव और आचार संहिता के चलते आयोग को नई बिजली दरों को लागू करने में देरी हुई है, पर अब जैसे ही राज्य में लोकसभा चुनावों की वोटिंग 19 अप्रैल को पूरी होगी। बिजली नियामक आयोग चुनाव आयोग से बिजली दरों को संशोधित करने की मंजुरी लेकर अप्रैल माह में यह प्रकिया सम्पन्न करने का प्रस्ताव रखा गया है।
अप्रैल माह में सालाना नई बिजली दरों के संसोधन जिसमें संभावित वृद्धि होगी, इसके आलावा महीने की शुरुआत में यूपीसीएल फ्यूल चार्ज में अर्जेस्टमेट के चलते बिजली दरों में वृद्धि ने राज्य के बिजली उपभोक्ताओं के लिए दोहरा झटका दिया है।
बिजली नियामक आयोग ने उपभोक्ताओं से मांगे सुझाव
नई बिजली दरों को लागू करने से पूर्व आयोग ने राज्य के विभिन्न जिलों में जनसुनवाई, संगोष्ठी, आपत्ति, सुझाव मांगा था। इस कार्यक्रम के जरिए आयोग ने कमर्शियल, घरेलू उपभोक्ताओं, किसानों से उनकी राय मांगी गई थी, इस संबंध में (Electricity is going to be expensive) सभी बिजली उपभोक्ताओं ने बिजली दरों में वृद्धि को लेकर विरोध दर्ज किया। हालांकि स्थानीय सूत्रों के अनुसार सुनवाई में विरोध के बाद भी आयोग नई बिजली दरों को लागू करने का ऐलान जल्द करेगा।
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हर वर्ष 2 से 5% का इज़ाफ़ा
राज्य में प्रत्येक वर्ष नई बिजली दरों में 2 से 5% का इजाफा किया जाता है। पंरतु बीच के वर्षो में घरेलू उपभोक्ताओं को इसमें छूट प्रदान की गई थी, पंरतु 3 साल से घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दरों को बढ़ाया जाने लगा ऐसे में इस वर्ष भी ऐसी ही उम्मीद जताई जा रही है।