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Google अपने ‘Incognito Mode’ सर्च डेटा को करेगा डिलीट, यूजर्स को करता था ट्रैक?

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Google To Delete Incognito Mode Search Data: दुनिया की सबसे बड़ी दिग्गज टेक कंपनियों में से एक गूगल (Google) ने एक बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। अमेरिका की एक अदालत के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए, Google ने बेहद बड़ी संख्या में उपयोगकर्ताओं का प्राइवेट सर्च डेटा यानी Incognito Mode सर्च डेटा को डिलीट करने जा रहा है। यह प्राइवेसी नीतियों की सख्ती की दिशा में एक बड़ी खबर है।

हम सब जानते हैं कि Google Chrome ब्राउजर पर उपयोगकर्ताओं को इन्कॉग्निटो मोड (Incognito Mode) में प्राइवेट ब्राउंजिंग की सुविधा दी जाती है। इसको लेकर आम धारणा यह रहती है कि Incognito Mode में सर्च किया गया डेटा कंपनी द्वारा ट्रैक नहीं किया जाता। लेकिन ऐसा नहीं था।

Google पर साल 2020 में एक आरोप लगा था कि वह Chrome और अपनी ऐप्स के इन्कॉग्निटो यानी प्राइवेट मोड में भी यूजर्स के सर्च आदि गतिविधियों को ट्रैक कर रहा है। तब कहा गया कि Google यह काम साल 2016 से ही कर रहा है।

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आम जन इस बात को ही मानता है कि किसी भी वेब ब्राउजर के प्राइवेट मोड में सर्च करने पर उनकी सर्च हिस्ट्री या ट्रैकिंग आदि नहीं की जाती। और क्योंकि Google Chrome अलग से इसकी सुविधा देता है, ऐसे में लोगों की यह धारणा और मज़बूत हो जाती थी।

Google To Delete Incognito Mode Search Data

कंपनी पर गंभीर आरोप लगे कि Google के तमाम प्रोडक्ट्स जैसे एनालिटिक्स, कुकीज और ऐप्स कंपनी को प्राइवेट मोड में भी यूजर्स डेटा की ट्रैकिंग की अनुमति देते हैं। जबकि कंपनी खुद Google Chrome से लेकर अन्य तमाम चीजों में प्राइवेट या इन्कॉग्निटो मोड नाम से सर्विस मुहैया करवाती है। जाहिर है यह सीधे तौर पर उपयोगकर्ताओं के साथ एक छल का केस बन सकता है।

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वैसे इस मामले में Google पर भारी जुर्माना भी लग चुका है। लेकिन कंपनी कभी भी खुलकर इन आरोपों को स्वीकार करती नजर नहीं आई और अपनी डेटा कलेक्शन नीति को पारदर्शी करार देती है। कंपनी का कहना है कि प्राइवेट मोड में भी डेटा कलेक्ट करने को लेकर कंपनी बेहद ईमानदार रही है।

फिलहाल Google एक एक मुकदमे के निपटान को लेकर अब अरबों का डेटा डिलीट करने के लिए मान गई है। Google की ओर से यह डेटा प्राइवेट मोड में यूजर्स को ट्रैक करके कलेक्ट किया गया था। इस मुक़दमे के निपटान की शर्तों को लेकर सोमवार को ही ओकलैंड, कैलिफोर्निया संघीय अदालत में पेश किया गया।

इस समझौते की कीमत का आंकलन लगभग ₹41,676 करोड़ से अधिक का बताया जाता है। लेकिन फिलहाल इसको लेकर Google को किसी प्रकार का जुर्माना नहीं देना है। पर दिलचस्प ये है कि कोई भी उपयोगकर्ता चाहें तो कंपनी पर इस प्राइवेसी हनन को लेकर व्यक्तिगत रूप से मुकदमा कर सकते हैं।

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