Electoral Bond Data Part 3 Reveals Donar and Political Parties Connection: सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद एसबीआई ने इलेक्टोरल बॉन्ड के यूनिक नंबर समेत अन्य तमाम जानकरियों की नई लिस्ट 21 मार्च को चुनाव आयोग को सौंप दी और आयोग ने कुछ ही घंटों में इसे अपनी वेबसाइट पर अपलोड भी कर दिया। इसके बाद से ही तमाम विशेषज्ञों और समाचार एजेंसियों ने यूनिक नंबर आदि की मदद से चंदा देने वाले और चंदा पाने वाली राजनीतिक पार्टियों के बीच के कनेक्शन को तलाशना शुरू कर दिया।
और इलेक्टोरल बॉन्ड डेटा पार्ट-3 जारी होने के कुछ ही घंटों बाद अब कई ऐसी जानकारियाँ सामने आ रही हैं, जिनसे यह पता लगता है कि आखिर किस कंपनी या व्यक्ति ने किस पार्टी को कितना चंदा दिया।
Electoral Bond Data Part 3
वैसे तो पूर्व में जारी हुए डेटा से यह पहले ही पता लग चुका है कि एक पार्टी के दौर पर कुल इलेक्टोरल बॉन्ड चंदे का सर्वाधिक हिस्सा बीजेपी को मिला। लेकिन अब नए डेटा की मदद से मीडिया रिपोर्ट्स में किए गए आंकलन के मुताबिक, बीजेपी को सर्वाधिक चंदा मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर से मिला है। इसने सत्तारूढ़ दल हो लगभग ₹584 करोड़ का चंदा दिया है।
भाजपा को मिला चंदा:
मेघा इंजीनियरिंग ~ ₹584 करोड़
क्विक सप्लाई ~ ₹375 करोड़
वेदांता ~ ₹230 करोड़
भारती एयरटेल ~ ₹183 करोड़
केवेंटर फूडपार्क ~ ₹144.5 करोड़
डीएलएफ कमर्शियल ~ ₹130 करोड़
फ्यूचर गेमिंग ~ ₹100 करोड़
हल्दिया एनर्जी ~ ₹81 करोड़
कुल मिलाकर बीजेपी को लगभग ₹6,000 करोड़ का चंदा मिला है।
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तृणमूल कांग्रेस (TMC) को मिला चंदा:
बीजेपी के बाद इलेक्टोरल बॉन्ड के तहत सबसे अधिक चंदा (लगभग ₹1,609 करोड़) तृणमूल कांग्रेस यानी TMC को मिला है। टीएमसी को मार्टिन सैंटियागो की कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड से सबसे अधिक चंदा मिला।
फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज ~ ₹542 करोड़
हल्दिया एनर्जी लिमिटेड ~ ₹281 करोड़
धारीवाल इंफ्रास्ट्रक्चर ~ ₹90 करोड़
प्रारम्भ सिक्योरिटीज ~ ₹38.8 करोड़ आदि
अखिल भारतीय कांग्रेस को मिला चंदा:
अखिल भारतीय कांग्रेस समिति यानी कांग्रेस को कुल रूप से इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए लगभग ₹1,421 करोड़ मिले। इसमें निम्न देनदार शामिल रहे –
वेदांता ~ ₹125 करोड़
एमकेजे एंटरप्राइजेज+ ~ ₹120 करोड़
वेस्टर्न यूपी पावर Transco ~ ₹110 करोड़
यशोदा अस्पताल ~ ₹64 करोड़
फ्यूचर गेमिंग ~ ₹50 करोड़ आदि
आम आदमी पार्टी को मिला चंदा:
Avees ट्रेडिंग ~ ₹10 करोड़
अन्य ने ₹55.3 करोड़
इलेक्टोरल बॉन्ड को सुप्रीम कोर्ट ने किया बंद
इलेक्टोरल बॉन्ड के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को इसे असंवैधानिक करार दिया था. इसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद-19 के तहत दिए गए ‘सूचना के अधिकार’ का उल्लंघन माना गया था, इसके बाद कोर्ट ने एसबीआई को स्पृष्ट निर्देश देते हुए इलेक्टोरल बॉन्ड की पूरी जानकारी चुनाव आयोग को सौंपने का फैसला सुनाया था।