Startup Mahakumbh started:भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम आज दुनिया भर में तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्टम बन चुका है। केंद्र सरकार भी इस ओर कई बेहतर कदम उठाते हुए नए आइडिया बिजनेस को पूरा सहयोग प्रदान करने में प्रयासरत है।
इसी क्रम में देश में स्टार्टअप महाकुम्भ का आयोजन किया गया है। दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित यह आयोजन 18 मार्च से 20 मार्च तक चलेगा, आपकों बता दे यह कार्यक्रम एपेक्स इंडस्ट्री एसोसिएशन, बूटस्ट्रैप इनक्यूबेशन एंड एडवाइजरी फाउंडेशन और इंडियन वेंचर एंड अल्टरनेट कैपिटल एसोसिएशन (आईवीसीए) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। यह उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) द्वारा समर्थित है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हुए शामिल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार (20 मार्च 2024) को स्टार्टअप महाकुंभ में शामिल हुए जहां उन्होंने हजारों संभावित उद्यमियों, निवेशकों और व्यापारिक आगंतुकों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में भारत के आईटी और सॉफ्टवेयर सेक्टर में छाप छोड़ने के जिक्र के साथ भारत में इनोवेशन और स्टार्टअप कल्चर का ट्रेंड लगातार बढ़ने की बात से लेकर भारत के ग्लोबल स्टार्ट अप स्पेस के लिए नई उम्मीद, नई ताकत बनकर उभरने की जिक्र किया।
छोटे शहरों से स्टार्टअप क्रांति
प्रधान मंत्री मोदी ने देश में स्टार्टपअ क्रांति के नेतृत्व में छोटे शहरों के बड़े विचारों को श्रेय दिया उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा,
‘भारत की स्टार्टअप क्रांति का नेतृत्व आज देश के छोटे शहरों के युवा कर रहे हैं।’
स्टार्टअप का दायरा बढ़ा
आज देश में स्टार्टअप का दायरा बढ़ा है, देश में युवा योग और आयुर्वेद जैसे विषयों को लेकर भी स्टार्टअप शुरू कर रहे है, इन विषयों को लेकर प्रधानमन्त्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा,
‘मुझे खुशी है कि आज कृषि, टेक्सटाइल, मेडिसिन, परिवहन, अंतरिक्ष और यहां तक कि योग और आयुर्वेद के स्टार्टअप भी शुरू हो चुके हैं।’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में स्टार्टअप महाकुम्भ जैसे आयोजन के महत्व में भी प्रकाश डाला उन्होंने कहा, जब देश 2047 के विकसित भारत के (Startup Mahakumbh started) रोडमैप पर काम कर रहा है, ऐसे समय में मुझे लगता है कि इस स्टार्टअप महाकुंभ का बहुत महत्व है।
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गौरतलब हो, डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटर्नल ट्रेड (DPIIT) के आंकड़ों के अनुसार देश में दिसंबर, 2023 तक लगभग 117,254 स्टार्टअप थे, इनमें से 110 यूनिकॉर्न हैं, जिससे लगभग 12 लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा की हैं।