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सुखबीर संधू और ज्ञानेश कुमार बने चुनाव आयुक्त, चयन पैनल में शामिल कांग्रेस नेता ने उठाए सवाल

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New election commissioners India: केंद्र सरकार ने चुनाव आयोग के आयुक्त के दो खाली पदों को भर दिया है, अब नए चुनाव आयुक्त के रूप में ज्ञानेश कुमार गुप्ता और सुखबीर सिंह संधू को नया चुनाव आयुक्त नियुक्त किया। ये दोनों ही चयनित सदस्य रिटायर्ड हो चुके सिविल सर्विस अधिकारी रह चुके हैं। दोनों रिटायर्ड आईएस हैं। दोनों अलग-अलग समय में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से रिटायर्ड हुए हैं।

आपको बता दे, वर्तमान में अचानक चुनाव आयुक्त के पद से अरुण गोयल ने अपने निजी कारणों के चलते इस्तीफे की पेशकश की थी, जिससे राष्ट्रपति ने मंजूरी प्रदान की थी। इसके अलावा एक और चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यरत अनूप चंद्र पाण्डेय के फरवरी में रिटायरमेंट की वजह से चुनाव आयोग में दो खाली पदों मे अब नई नियुक्तियों को मंजूरी दे दी गई हैं।

केंद्र सरकार की आधिकारिक जानकारी देने से पूर्व ही कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इन नियुक्तियों को लेकर जानकारी मीडिया में साझा कर दी थी, आपको बता दे अधीर रंजन चौधरी चुनाव आयुक्त चयन प्रक्रिया वाली समिति के सदस्य है, वह लोकसभा में विपक्ष के नेता के तौर में शामिल हुए थे।

 

नियुक्ति को लेकर कांग्रेस नेता ने उठाया सवाल

केंद्र की मोदी सरकार ने 2023 में नया कानून लाते हुए, चुनाव आयुक्त की चयन प्रक्रिया समिति से सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को हटाकर एक केंद्रीय मंत्री को शामिल करने वाला कानून बनाया था, इस कानून के बनने के बाद यह पहली चुनाव आयोग में आयुक्तों की नियुक्तियां थी। इसमें प्रधानमंत्री (new election commissioners India) नरेन्द्र मोदी के साथ अमित शाह और विपक्ष के नेता के तौर में अधीर रंजन चौधरी शामिल हुए थे।

अधीर रंजन चौधरी ने सरकार की ओर से मुख्य न्यायाधीश को चयन समिति से हटाने वाले कानून को लेकर निशाना साधते हुए कहा,

“नए कानून ने यह चयन प्रक्रिया एक औपचारिकता तक सीमित कर दी है, पैनल में सरकार बहुमत में है। वे जो चाहेंगे वही होगा।”

मुझे रात में 212 नाम दिए गए

चयन प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा,

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“उन्हे रात में 212 नामों की एक सूची प्रदान की गई, कोई एक रात में इतने नामों को कैसे परख सकता है? इसके बाद मुझे सरकार की ओर से 6 शॉटलिस्टेड किए गए नामों की सूची दी, बहुमत उनके पास है, इसलिए उन्होंने वही उम्मीदवार को चुना जो वह चाहते थे।”

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गौरतलब हो, केंद्र सरकार ने 2023 में चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए एक नए काननू को पारित किया था, जिसमें चयन प्रक्रिया समिति में प्रधानमन्त्री, उनके साथ विपक्ष का नेता, और प्रधानमंत्री की अनुशंसा पर एक कोई केंद्रीय मंत्री शामिल होगा, इसके पूर्व चुनाव आयुक्त की चयन प्रक्रिया में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शामिल होते थे।

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