Ashneer Grover Urges RBI To Probe Rajnish Kumar: तमाम विवादों के बीच पिछले कुछ सालों में BharatPe के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर अश्नीर ग्रोवर कई बार कंपनी के चेयरमैन रजनीश कुमार को लेकर सवाल उठा चुके हैं। और अब एक बार फिर दोनों सुर्खियों में है। असल में अशनीर ग्रोवर ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से यह माँग की है कि फिनटेक स्टार्टअप BharatPe के बोर्ड के अध्यक्ष रजनीश कुमार के खिलाफ जाँच शुरू की जाए।
जी हाँ! इसका खुलासा द इकोनॉमिक टाइम्स की एक हालिया रिपोर्ट में देखें गए एक पत्र के हवाले से किया गया है। रिपोर्ट बताती है कि ग्रोवर ने RBI को जाँच का आग्रह करते हुए एक पत्र लिखा है। कथित रूप से अशनीर ने यह आरोप लगाया है कि रजनीश कुमार कंपनी के बोर्ड में शामिल होने के बाद से करोड़ों रुपये के इक्विटी शेयरों पर कब्जा कर चुके हैं।
Ashneer Grover Urges RBI To Probe Rajnish Kumar
इतना ही नहीं BharatPe के पूर्व एमडी का यह भी कहना है कि रजनीश कुमार ने अपना वेतन प्रति वर्ष ₹1.5 करोड़ तक बढ़ा दिया है। यह बढ़त उनके बोर्ड में शामिल होते समय की स्थिति से तुलना करने पर तीन गुना की बनती है। आपको बता दें, रजनीश साल 2021 में संबंधित फिनटेक स्टार्टअप के बोर्ड में शामिल हुए थे।
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वैसे ऐसा लगता है कि अशनीर ने इस विषय में सोशल मीडिया पर एक अप्रत्यक्ष पुष्टि भी कर दी है। उन्होंने इस संबंध में एक खबर को पोस्ट करते हुए, कैप्शन में सिर्फ एक लाइन लिखी, जिसका हिंदी में मतलब है,
“अश्नीर ग्रोवर ने आरबीआई से भारतपे के चेयरमैन रजनीश कुमार की जांच करने का आग्रह किया”
रिपोर्ट के अनुसार, पत्र में 9 मार्च की तारीख पड़ी हुई है। इसमें ग्रोवर की ओर से कंपनी के बोर्ड, उसके निवेशकों और प्रबंधन पर कथित रूप से धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। साथ ही अशनीर ग्रोवर द्वारा कंपनी के शेयरों के अंतिम लाभकारी मालिकाना हक के संबंध में RBI से झूठ बोलने जैसे आरोप भी लगाए गए हैं।
सामने आई जानकारी के मुताबिक, ऐसा दावा किया गया है कि स्टार्टअप के बोर्ड और निवेशकों ने एक अन्य सह-संस्थापक भाविक कोलाडिया के शेयरों को एक विशिष्ट अवधि के लिए एक तरीके से वेयरहाउस में रखा। इसका मतलब है टेकओवर के लक्ष्य के साथ किसी कंपनी के शेयरों को कुछ समय के लिए जमा करना है।
ध्यान देने वाली बात ये है कि कोलाडिया पूर्व में क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी के मामले में अमेरिका में दोषी ठहराये गए थे। इस पत्र में सवाल उठाया गया है कि क्या आरबीआई ने वास्तव में BharatPe को यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक में 49% हिस्सेदारी के अधिग्रहण या NBFC Liquiloans में नियंत्रित हिस्सेदारी हासिल करने की अनुमति देता अगर कोलाडिया लाइसेंस आवेदन करते समय उस समय कंपनी की कैप टेबल का हिस्सा होते?
इतना ही नहीं बलि सामने आ रही खबरों के अनुसार, ग्रोवर ने केंद्रीय बैंक से स्टार्टअप के डायरेक्टर बोर्ड को ब्लैकलिस्ट करने का भी आग्रह किया और फिनटेक के खिलाफ आरोप साबित होने पर BharatPe के संबंधित लाइसेंस रद्द करने की मांग की है।