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8000 रेजिडेंट डॉक्टर्स की अनिश्चितकालीन हड़ताल आज से, हुआ ऐलान, जानें पूरा मामला?

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Indefinite strike of resident doctors: महाराष्ट्र में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो सकती है,ऐसा इसलिए महाराष्ट्र में अपनी मांगों को पूरा होते न देख रेजिडेंट डॉक्टर्स ने गुरुवार (22 फ़रवरी) शाम 5 बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है।

इस दौरान महाराष्ट्र में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होने की संभावना बढ़ गई है, मिली जानकारी के अनुसा रेजिडेंट डॉक्टर्स ने बेहतर छात्रावास, स्टाइपेंड में बढ़ोतरी और बकाया भुगतान जैसी मांगों को लेकर राज्य भर में मौजूद 8000 डॉक्टरों ने अनिश्चित हड़ताल में जानें का फैसला लिया है। रेजिडेंट डॉक्टरों का समूह, महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स सेंट्रल हड़ताल की घोषणा की है।

इस पूरे प्रकरण को लेकर महाराष्ट्र में रेजीडेंट डॉक्टर्स के संघटन महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स (MARD) के अध्यक्ष डॉ. अभिजीत हेल्गे ने कहा कि सेंट्रल एमएआरडी ने रेजिडेंट डॉक्टरों की संकटपूर्ण स्थिति के बावजूद सरकार की बातों पर विश्वास बनाए रखा, इसके बावजूद सरकार ने रेजीडेंट डॉक्टरों की स्थिथि सुधारने के लिए कोई खास प्रयास नही किए गए है।

Indefinite strike of resident doctors

संघटन राज्यभर में सभी रेजिडेंट डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व करता है, ऐसे में डॉक्टरों की मांगो को लेकर संघटन ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को एक चिट्ठी लिखी है, चिट्ठी में उन्होंने लिखा है-

“हम सेंट्रल एमएआरडी, राज्य भर के रेजिडेंट डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व करते हैं, हम राज्य के रेजीडेंट डॉक्टर से किए गए वादों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं,इससे हम बहुत ही ज्यादा निराश हैं”।

चिट्ठी में इस बात का भी जिक्र किया गया है, कि संघटन ने काफ़ी समय से अपनी चिंताओं को लेकर सरकार को अवगत कराया है, पंरतु सरकार ने उनकी दलीलों और चिंताओं की सुध नहीं ली है। ऐसी परिस्थिति में डॉक्टर्स की जायज मांगों के प्रति क्रूर व्यवहार से आहत होकर हमने ये फैसला लिया, महाराष्ट्र में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।

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हालांकि संगठन ने इस बात को भी स्पृष्ट किया है, हड़ताल के दौरान राज्य में आवश्यक चिकित्सा देखभाल का और आपातकालीन सेवाएं में कोई फ़र्क नही पड़ेगा। रेजिडेंट डॉक्टरों के संघटन ने इस हड़ताल में जानें से पूर्व मरीजों से माफ़ी मांगी साथ ही इसके लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।

 

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