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कर्नाटक में सरकार का फरमान, MNCs नोटिस बोर्ड में बताएं कन्नड़ कर्मचारियों की संख्या

Arrest in Babri demolition case after 31 years

iomage credit: official page of the chif minister of karnataka

Karnataka government MNC to disclose numbe employees: भारत के दक्षिण में स्थित कर्नाटक में फिर भाषा विवाद शुरू होने की घटना के बीच राज्य की कांग्रेस सरकार ने राज्य में संचालित MNC(मल्टी नेशनल कंपनिया) कंपनियों से अपने यहां कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी कंपनी के नोटिस बोर्ड में लगाने का निर्देश जारी किया है। इसमें गौर करने वाली बात यह है, कि राज्य के संस्कृति मंत्री ने इन कंपनियों को स्पृष्ट निर्देश देते हुए कहा है, वह अपने यह कन्नड़ मतलब राज्य के स्थाई नागरिक (कर्मचारियों) की जानकारी नोटिस बोर्ड में देनी होगी, ऐसा नहीं करने वाली MNC कर्नाटक में काम नहीं कर पाएँगी और उनका लाइसेंस रद्द किया जाएगा।

यह फैसला कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार में संस्कृति मंत्री शिवराज तंगादगी ने विधान परिषद में बुधवार (21 फरवरी 2024) को लिया  है। आपकों बता दे, कांग्रेस सरकार में संस्कृति मंत्री ने यह ऐलान विधान परिषद में कन्नड़ भाषा को बढ़ावा देने के लिए लाए गए विधेयक पर चर्चा के दौरान लिया है। इस फैसले को अमल में लाने के लिए सरकार ने इसके लिए कुछ नियम और एक कमिटी बनाने की बात भी कही है। हालांकि कहा जा रहा है, फ़िलहाल इनमें राज्य में मौजूद टेक कंपनियों को अभी शामिल नहीं किया गया है।

Karnataka government MNC to disclose numbe employees

अभी तक निकलकर आई जानकारी के अनुसार, इस नियमों को पालन करवाने के लिए कमेटी का निर्माण किया जायेगा जिसके चेयरमैन खुद राज्य के संस्कृति मंत्री शिवराज तंगादगी  होंगे, इसके लिए कानून बनाया जायेगा जिसके लिए राज्य के विभिन्न विभागों के सचिव सुझाव दे रहे है। जो कम्पनियाँ इन नियमों को नहीं मानेंगी, उनका लाइसेंस रद्द किया जाएगा।

राज्य में कन्नड़ भाषा को लेकर प्रदर्शन

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में हुए कुछ प्रदर्शनों में कई बड़ी कम्पनियों के साइनबोर्ड तोड़ दिए गए थे क्योंकि उन पर कन्नड़ नहीं लिखी थी। इस बीच राज्य सरकार राज्य में मौजूद प्रतिष्ठानों के लिए अपने नाम का 60% हिस्सा कन्नड़ भाषा में रखना होगा इस विधेयक में चर्चा कर रही है।

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इसके साथ साथ राज्य में ज्यादा से ज्यादा काम में कन्नड़ भाषा का प्रयोग किया जाए इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे है, राज्य में वकीलों से बहस के दौरान कन्नड़ का प्रयोग किए जाने की अपील की जा रही है। इसके साथ ही राज्य सरकार एक ऐसे ऐप में काम कर रहा है, जो कन्नड़ भाषा के अपमान होने की दशा में उसमें शिकायत की जा सकेंगी।

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