Ban on onion export continues till March 31: घरेलू स्तर में घटे प्याज के उत्पादन सहित उपलब्धता सुनिश्चित करने की कोशिश के तहत पहले से जारी प्याज के निर्यात के प्रतिबंध को 31 मार्च तक जारी रखा जायेगा।
इस मामले में जानकारी देते हुए उपभोक्ता मामले के सचिव रोहित कुमार सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा,
‘‘ प्याज निर्यात पर प्रतिबंध नहीं हटाया गया है, यह जारी है,मौजूदा स्थिति में कोई बदलाव नहीं है।’’
सरकार के देश से प्याज में निर्यात प्रतिबंध के पीछे सबसे बड़ी वजह देश में घरेलू स्तर में लोगों को कम दाम और पर्याप्त मात्रा में इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करना है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार द्वारा प्याज़ में प्रतिबंध हटाने की खबरें उड़ने के बाद देश के सबसे बड़े थोक प्याज बाजार लासलगांव में 19 फरवरी को थोक प्याज की कीमतें 40.62 प्रतिशत बढ़कर 1,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गईं, जो 17 फरवरी को 1,280 रुपये प्रति क्विंटल थीं।
Ban on onion export continues till March 31
ऐसे में सरकार भली भांति इस बात से परिचित है, इसलिए वह आने वाले कुछ समय तक देश में प्याज के निर्यात को प्रतिबंध लगाये रख सकती है। सूत्रों के अनुसार प्याज के निर्यात में प्रतिबंध आगामी लोकसभा चुनावों के बाद तक जारी रह सकता है।
इसकी सबसे बड़ी वजह रबी (सर्दियों) प्याज का उत्पादन विशेष रूप से महाराष्ट्र में कम ‘कवरेज’ के कारण कम होने की आशंका है, इसके साथ ही वर्ष 2023 के रबी सीजन में प्याज का उत्पादन 2.27 करोड़ टन होने का अनुमान लगाया गया है।
इन सब वजहों का केंद्र सरकार आने वाले समय में आकलन करने के बाद ही प्याज के निर्यात प्रतिबंधों को खत्म करने के फैसले में विचार कर सकती है। इसके लिए कृषि मंत्रालय के अधिकारी आने वाले दिनों में प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात में रबी प्याज कवरेज का आकलन करेंगे।
इस बीच अंतर-मंत्रालयी समूह से मंजूरी के बाद मित्र देशों से संबंधों के आधार पर मित्र देशों को प्याज की सीमित मात्रा में निर्यात की अनुमति दी गई है।
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गौरतलब हो, पिछले वर्ष नवरात्र समाप्त होने के बाद देश भर में कई जगहों में प्याज की खपत बढ़ गई है। वहीं स्थानीय स्तर पर इसकी आवक न होने से इसके भाव सातवें आसमान पर पहुंच गए हैं। ऐसे में कई बार मांग बढ़ने और आवक के कम होने की वजह से देश भर में प्याज का संकट उत्पन्न हो जाता है इसके मद्देनजर केंद्र सरकार प्याज के निर्यात में प्रतिबंध इस ओर ही देखकर उठाया गया कदम है।