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कृषि मंत्रालय की वेबसाइट से स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट गायब होने की खबर का इन्होंने किया खंडन? जानें यहाँ!

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📷 Credit: Ministry of Parliamentary Affairs (GODL-India), GODL-India, via Wikimedia Commons

Swaminathan Commission report going missing:  दिल्ली में किसान संगठनों ने अपनी 14 सूत्रीय मांगों के लिए सरकार के खिलाफ़ आंदोलन की शुरुआत की है, किसानों ने अपनी मांगों में विख्यात कृषि वैज्ञानिक प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन रिपोर्ट का जिक्र करते हुए किसानों की मांगो को जायज ठहराया है, और साथ ही आंदोलनकारी किसान सरकार से स्वामीनाथन रिपोर्ट के सुझावों के आधार पर किसानों की मांग पूरी करने के लिए दबाव बना रहा है।

इस बीच इंडियन एक्सप्रेस के दिल्ली कॉन्फिडेंशियल की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कृषि और किसान मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट से एमएस स्वामीनाथन की लिखी रिपोर्ट गायब हो गई है, जिसके बाद कुछ लोगों ने इसे वर्तमान में चल रहे किसान आंदोलन से जोड़ने की कोशिश की थी।

इन दावों के बीच केंद्र सरकार ने सभी प्रकार की खबरों का खण्डन किया है, जिसमें दावा किया गया था कि कृषि वैज्ञानिक प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन की रिपोर्ट कृषि और किसान मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट से गायब हो गई है।

Swaminathan Commission report going missing

इन खबरों को खंडन करते हुए भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सीनियर एडवाइजर कंचन गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट किया है उन्होंने कहा, एमएस स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है साथ ही उन्होंने इसकी लिंक भी पोस्ट में शेयर की है।

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कौन है स्वामीनाथन!

स्वामीनाथन भारत में ‘हरित क्रांति’ के जनक माने जाते हैं, उन्होंने गेहूं और चावल की अधिक उपज देने वाली किस्मों को विकसित करने में अहम भूमिका निभाई इसके साथ ही उनके किसानों और देश में कृषि क्षेत्र में किए गए कार्यों को लेकर, वर्तमान की केंद्र सरकार ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान किया था।

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इस बीच कुछ मीडिया रिपोर्ट में इस प्रकार के दावे किए जाने लगे कि ‘भारत रत्न’ से सम्मानित स्वामीनाथन की रिपोर्ट कृषि मंत्रालय की वेबसाइट से गायब है, और इसे वर्तमान में चल रहे कृषि आंदोलन से इसे जोड़ा जाने लगा। चूंकि किसानों के द्वारा उनकी फसलों की कीमत स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के आधार में तय किए जाने की मांग की जा रही है। उक्त खबरों को आधार बनाकर देश में वर्तमान में विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार के ऊपर सवाल उठाए थे। इसी बात को लेकर अब सरकार की ओर से अपना पक्ष रखा गया।

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