ISRO announces ‘Young Scientist Programme-2024’: भारतीय स्कूली छात्रों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी विषयों में रुचि बढ़ाने के लिए इसरो ने अपने ‘युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम’ 2024 की घोषणा कर दी है। इसरो के इस खास कार्यक्रम को युवा विज्ञान कार्यक्रम (युविका) कहा जाता है, जिसके लिए पंजीकरण प्रकिया 20 फरवरी से प्रारंभ की जायेगी।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बृहस्पतिवार को इसकी घोषणा की है, कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूली बच्चों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष विज्ञान और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों में बुनियादी ज्ञान और इसमें उभरते अवसर प्रदान करना है।
इसकी जानकारी शेयर करते हुए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X में जानकारी शेयर करते हुए, स्कूली युवा बच्चों के लिए कुछ निर्देशों को पालन करने की जानकारी साझा की है। इसरो के अनुसार युवा विज्ञान कार्यक्रम (युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम) – 2024 के लिए आवेदन करने वाले बच्चों में केवल एक जनवरी, 2024 तक के) नौवीं कक्षा के भारतीय विधार्थी ही आवेदन कर सकते हैं।
पंजीकरण की शुरुआत 20 फरवरी से प्रारंभ की जायेगी जो 20 मार्च तक चलेगी, इसरो के अनुसार 2 सप्ताह का आवासीय कार्यक्रम में स्कूली बच्चों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियंत्रिकी और गणित (एसटीईएम) आधारित अनुसंधान और करियर बनाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
ISRO announces ‘Young Scientist Programme-2024’
गौरतलब हो, हाल के वर्षो में इसरो ने अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में अविश्वनीय उपलब्धि हासिल की है। 1 जनवरी 2024 को पीएसएलवी का एक और सफल मिशन पूरा हो गया है, जिसका मकसद अंतरिक्ष के एक्स-रे स्रोत के रहस्यों का पता लगाने और ‘ब्लैक होल’ की रहस्यमयी दुनिया के सवालों के जबाव तलाशना था।
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इसके पूर्व 2023 में इसरो का मून मिशन Chandrayaan-3 ने अंतरिक्ष की दुनिया में नया इतिहास रचा, इस मिशन की सफलता के साथ ही भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला पहला देश बना। इसके साथ साथ इसरो की एक ओर बड़ी सफलता आदित्य एल-1 की सफल लॉन्चिंग रही, ये एक सौर मिशन था। जो सूर्य मिशन के लिए शनिवार (2 सितंबर) 2023 सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर के दूसरे लॉन्च पैड से लॉन्च किया गया था।