Site icon NewsNorth

CAA आगामी लोकसभा चुनाव से पहले पूरे देश में लागू हो जाएगा: अमित शाह

govt-launches-caa-mobile-app-to-make-citizenship-process-easy

CAA will be notified before Loksabha Election: लोकसभा चुनाव नजदीक हैं और ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बड़ा ऐलान किया है। अमित साह ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले पूरे देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू हो जाएगा।

जी हाँ! भारत के गृह मंत्री ने ईटी नाउ ग्लोबल सबमिट 2024 के दौरान इस बात की घोषणा की है। नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर अमित शाह ने बताया कि यह क़ानून 2019 में पारित हुआ था। इसको लेकर नियम जारी किए जाने हैं और लोकसभा चुनाव से पहले यह लागू किया जाएगा।

CAA Before Loksabha Election

उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा;

“CAA देश का कानून है, इसका नोटिफिकेशन निश्चित रूप से होगा। चुनाव से पहले ही CAA को अमल में आना है, इसमें किसी को संशय नहीं होना चाहिए।”

अमित शाह ने यह घोषणा करते हुए कहा;

“मैं साफ कर देना चाहता हूँ कि CAA देश में किसी भी व्यक्ति से नागरिकता नहीं छीनने जा रहा है। इसका मकसद सिर्फ धार्मिक उत्पीड़न का सामना कर रहे पाकिस्तानी, अफगानिस्तानी और बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करना है।”

न्यूज़North अब WhatsApp पर, सबसे तेज अपडेट्स पानें के लिए अभी जुड़ें!

See Also

इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर देश के मुसलमानों को गुमराह करने के आरोप भी लगाए। केंद्रीय गृह मंत्री के मुताबिक, देश के मुस्लिम भाइयों को सीएए के प्रति गुमराह किया जा रहा है, साथ ही उन्हें भड़काने का काम किया जा रहा है। उन्होंने दोहराया कि CAA सिर्फ पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए लाया जा रहा है।

क्या है CAA?

सरकार द्वारा CAA पेश किए जाने के बाद से ही इसको लेकर तमाम तरीक़े के सवाल उठते रहे हैं। इस बिल को साल 2014 से पहले चुनिंदा पड़ोसी देशों से भारत आए धार्मिक अल्पसंख्यकों लोगों को नागरिकता देने का बताया जाता है। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा पेश किए गए CAA के पीछे का मक़सद हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों समेत सताए गए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का है।

इसके तहत उन्हें नागरिकता प्रदान की जानी है जो 31 दिसंबर, 2014 से पहले बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भारत आए थे। गौर करने वाली बात ये है कि दिसंबर 2019 में संसद द्वारा CAA बिल को पारित कर दिया गया था। इसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के बीच देश के तमाम हिस्सों में कई विरोध प्रदर्शन देखनें को मिले थे।

Exit mobile version