Vividhata Ka Amrit Mahotsav & President Draupadi Murmu: नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन स्थित अमृत उद्यान में गुरुवार को राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने “विविधता का अमृत महोत्सव” नामक कार्यक्रम का उद्घाटन किया है। यह चार दिवसीय सांस्कृतिक समारोह है, जिसमें पूर्वोत्तर भारत समृद्ध संस्कृति की झलक देखनें को मिलेगी।
इस कार्यक्रम के तहत एक ही जगह पारंपरिक कला, शिल्प और संस्कृतियों के मिश्रण के साथ पूर्वोत्तर भारत की समृद्ध विविधता को प्रदर्शित किया जा रहा है। इसका मकसद संबंधित क्षेत्रों के पारंपरिक हस्तशिल्प, हथकरघा, कृषि उत्पादों आदि को व्यापक पहचान दिलवाते हुए, इन संस्कृतियो के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने का काम किया जा सके। इसके तहत इन क्षेत्रों की पारंपरिक विरासत की प्रगति और विकास को बल मिले।
ऐसे में ‘विविधता का अमृत महोत्सव’ को भारत के पूर्वी क्षेत्र की बहु-विध सांस्कृतिक विरासत का ऐतिहासिक उत्सव कहना गलत नहीं होगा। उद्घाटन के मौके पर राष्ट्रपति समेत केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री ने भी उपस्थित रहे।
Vividhata Ka Amrit Mahotsav
इस कार्यक्रम का आयोजन स्थल राष्ट्रपति भवन के परिसर के भीतर बना अमृत उद्यान है। यह उद्यान उत्सव, 2024 के तहत ही आयोजित किया जा रहा है। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय द्वारा साझेदारी के माध्यम से इसका आयोजन किया जा रहा है।
वहीं इस समारोह के प्रबंधन की जिम्मेदारी पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास विभाग के केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम, पूर्वोत्तर हस्तशिल्प और हथकरघा विकास निगम लिमिटेड को सौंपी गई है। प्रवेश के लिहाज से यह समारोह फ्री है, आपको किसी तरह का कोई शुल्क देने की ज़रूरत नहीं है। महोत्सव आम जनता के लिए 8 से 11 फरवरी तक सुबह 10 बजे से शुरू होकर रात 8 बजे के बीच चलेगा है।
विविधता का अमृत महोत्सव क्यों है खास?
इस विविधता का अमृत महोत्सव की विशेषताओं पर नजर डालें तो यहाँ आपको तमाम तरह के स्टॉल आदि देखनें को मिलेंगे। साथ ही यहाँ लाइव प्रदर्शन आदि की व्यवस्था भी है, जहाँ बेहतरीन कलाकार अपनी प्रतिभाओं का प्रदर्शन करते दिखाई पड़ते हैं।
हस्तशिल्प, हथकरघा और कृषि-बागवानी उत्पाद: पूर्वोत्तर क्षेत्र के प्रत्येक राज्य के लिए 8 स्टालों का प्रबंध किया गया है। इसके जरिए 320 से अधिक बुनकरों, कारीगरों, किसानों और उद्यमियों को भागीदारी का अवसर दिया जा रहा है। इसमें हस्तनिर्मित उत्पादों, हथकरघा और वस्त्र, बेंत – बांस – लकड़ी – टेराकोटा आदि के हस्तशिल्प, जैविक चाय, बांस उत्पाद, मसाले, हर्बल दवाएं, और पारंपरिक चावलों की किस्में आदि देखनें को मिलते हैं।
लाइव प्रदर्शन: उत्तर-पूर्व क्षेत्र की कुछ खास चीजें जैसे माजुली मास्क, टोकरी बुनाई, लोटस सिल्क एक्सट्रैक्शन, फाइबर बुनाई, जनजातीय आभूषण बनाना, थांगका पेंटिंग, पीतल धातु पर नक्काशी, लकड़ी पर नक्काशी आदि का लाइव व प्रत्यक्ष प्रदर्शन भी आयोजित होता है।
सांस्कृतिक प्रदर्शन: इस समारोह में पारंपरिक नृत्यों, मनमोहक प्रदर्शनों और क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रदर्शन से कार्यक्रम की शोभा और अधिक बढ़ जाती है। इसमें सभी आठ राज्यों के तमाम कलाकार शामिल होते हैं।
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खान-पान के स्टॉल:समारोह में कई विशिष्ट फूड स्टॉल भी देखनें को मिलते हैं, जिनमें संबंधित राज्यों के पारंपरिक ज़ायक़ों का आनंद लिया जा सकता है।
मैं आशा करती हूं कि इस महोत्सव में भाग लेने के लिए बड़ी से बड़ी संख्या में लोग आएंगे तथा North East की सांस्कृतिक ऊर्जा का अनुभव करेंगे। यही विविधतता के अमृत महोत्सव के इस प्रथम आयोजन का उद्देश्य है। @RBVisit pic.twitter.com/7QsGpqFsev
— President of India (@rashtrapatibhvn) February 8, 2024
इस मौके पर जारी एक बयान में राष्ट्रपति मुर्मू के हवाले से कहा गया;
“नॉर्थ ईस्ट जाने का अवसर मुझे कई बार मिला है। वहां के लोगों में अद्भुत प्रतिभा है जो नृत्य, संगीत, परिधान, हस्त-कौशल तथा व्यंजनों में दिखाई देती है। आज ऐसा लगता है मानो नॉर्थ ईस्ट राष्ट्रपति भवन परिसर में जीवंत हो उठा है। आप सब ने इस परिसर को एक नई ऊर्जा से भर दिया है।”
“हमारे देश की अनेक-वर्णा बहुरंगी संस्कृति की विविधता हमारी शक्ति है, हमारी सॉफ़्ट पॉवर है। इस विविधता का उत्सव मनाने से हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और उसमें निहित एकता का प्रदर्शन भी होगा और अनुभव भी।”