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रुस ने शुरू की भारत से केले की खरीद, जाने फैसले के पीछे का कारण?

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Russia will import bananas from India: रूस और भारत के संबंध दोनों देशों के बीच हमेशा ही बेहतर रहे है, भारत और रूस दोनो देशों के बीच व्यापार काफ़ी बड़ा रहा है, रूस भारत का सातवां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार देश रहा है। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए रूस ने भारत से एक और वस्तु आयात करने का फैसला लिया है। वह भारत से केले के फल को आयात करने जा रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार अब रूसी बाजारों में भारत के केले खाने को मिलेंगे। रूस ने भारत से केले आयात करने का फैसला लिया है। बता दे, भारत से रूस में केले की पहली खेप जनवरी में पहुंची थी, अब केले की अगली खेप फरवरी के अंत में रूस पहुंचने की उम्मीद है। रूस के भारत से केले आयात करने के बाद भारत से केले का निर्यात बढ़ जाएगा जिससे केला उत्पादन करने वाले कृषकों का फायदा होगा।

रूस और इक्वाडोर विवाद है वजह!

रूसी मीडिया से जानकारी निकलकर आई है, रूस में केले का सबसे बड़ा निर्यातक देश अब तक इक्वाडोर था,लेकिन हाल फ़िलहाल कुछ समय से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने की ख़बर आई है, रूस ने इक्वाडोर से केले आयात करने में पूर्ण रूप से पाबंदी लगा दी है, इसके पीछे की वजह रूस ने इक्वाडोर के केलो में कीड़ों की बात कही है।

वही रूस के दावे को लेकर इक्वाडोर मीडिया ने भी सरकार की ओर से एक बात कही है, इक्वाडोर की खाद्य सुरक्षा एजेंसी ने मंगलवार को कहा कि रूस भेजे गए केवल 0.3 प्रतिशत केले में कीड़े पाये गए है, इससे कोई खतरे जैसी बात नही है।

Russia will import bananas from India

इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है, इक्वाडोर सरकार के एक फैसले के बाद रूस और इक्वाडोर के बीच तल्खी बढ़ी है, दावा किया गया है कि इक्वाडोर ने रूस में निर्मित और खरीदे गए सैन्य उपकरणों को कबाड़ बताकर अमेरिकी सरकार को इसे बेचकर अन्य अमेरिकी हथियार खरीदने की बातचीत चल रही है, जिससे रूस सरकार इक्वाडोर के साथ असहज महसूस कर रही है। इक्वाडोर से केले के आयात की पाबंदी को इसी से जोड़ा जा रहा है।

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गौरतलब है, रूस और अमेरिका के बीच हमेशा से ही वर्चस्व की लड़ाई देखी गई है, सोवियत संघ के दौरान ही दोनों देशों में खिचीं तलवार के चलते विश्व में दो खेमें बन गए थे। एक खेमा अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप के मिल जाने से नाटो के रूप में बना तो दूसरा सोवियत संघ के ईस्टर्न यूरोप के साथ वॉरसा समझौते के तहत बना। दोनों देश हमेशा छोटे देशों पर अपना असर डालने की कोशिश में रहते हैं। इक्वाडोर का अमेरिका के ओर झुकाव से रूस और इक्वाडोर के रिश्तों में और तल्खी बढ़ाने का काम करेंगा।

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