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सिगरेट के बाद अब ‘ई-सिगरेट’ पर भी बैन की तैयारी, क्या है वजह, जानें यहाँ!

New Zealand scraps world-1st smoking ban

E-cigarettes banned after cigarette: ब्रिटेन में नाबालिक बच्चों को सिगरेट तंबाकू के सेवन से रोकने के लिए बनाए गए कानून के बाद एक बार फिर ऋषि सुनक सरकार एक और बड़ा फैसला लेने जा रही है। ज्ञात हो ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने पूर्व में पिछले वर्ष देश में रहने वाले 2009 साल के बाद जन्में नाबालिक बच्चों को तंबाकू उत्पादों को न बेचने वाला फैसला जारी किया गया था।

अब इसी क्रम में देश में तंबाकू उत्पादों से होने वाले नुकसानों को कम करने के लिए एक और फैसला लिया है। स्थानीय मीडिया के अनुसार ऋषि सुनक सरकार देश में डिस्पोजेबल वेप्स यानी ई-सिगरेट को बैन करने का फैसला लेने जा रही है।

इसके पीछे का कारण नौजवानों और कम उम्र के लोगों में तेजी से इसके बढ़ते उपयोग वजह मानी जा रही है। अब नई व्यवस्था के मुताबिक वेप के अलग-अलग फ्लेवर पर भी देश में प्रतिबंध होगा इसके साथ ही सादे पैकेजिंग पर जोर दिया जाएगा ताकि यह बच्चों को कम आकर्षक लगे।

E-cigarettes banned after cigarette

ब्रिटेन सरकार ने पूर्व में एक सख्त कदम उठाते हुए देश में 1 जनवरी 2009 को या उसके बाद पैदा हुआ कोई भी शख्स अपनी पूरी जिंदगी में तंबाकू नहीं खरीद सकेगा नियम बना रखा है। अब सरकार ने अपनी तंबाकू उत्पादों के खिलाफ प्रतिबद्धता को दिखाते हुए वेप्स यानी ई-सिगरेट को स्मोकिंग में भी लगाम लगाने की तैयारी कर ली है।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के अनुसार

‘यह हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है जहां हम 15 साल या उससे कम उम्र के लोग, जो कानूनी तरीके से सिगरेट खरीदते हैं, उस पर पूरी तरह बैन करना चाहते हैं। सरकार का मानना है कि ऐसा करके वह अपनी देश की नई पीढ़ी के लिए एक मजबूत और अच्छी विरासत छोड़ जाएंगे।’

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ब्रिटिश प्रधानमंत्री के फैसले को लेकर स्वाथ्य विशेषज्ञों ने खुशी जाहिर की है परंतु इस व्यवसाय से जुड़े और कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों ने आपत्ति जताई है। सरकार जहा इसे लॉन्ग टर्म नुकसान दायक आदत की तौर में देख रही है वही इसे जुड़े व्यवसाय करने वाले लोगों का मानना है कि वेप्स न सिर्फ तम्बाकू की तुलना में कम जोखिम वाले हैं बल्कि इसके भांति-भांति के फ्लेवर लोगों को धूम्रपान छोड़ने के लिए भी प्रोत्साहित करने का काम करते हैं।

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हालांकि ब्रिटिश प्रधानमंत्री अपने फैसले को लेकर प्रतिबद्ध है चूंकि ब्रिटेन में सरकार के पास इसे बंद करने के लिए अन्य और वजह भी है। वेप्स यानी ई-सिगरेट का उपयोग जहा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है वही एक दावे के अनुसार हर हफ्ते कम से कम 5 मिलियन यानी 50 लाख ई-सिगरेट इस्तेमाल के उपरांत फेंके जाते हैं जो पर्यावरण की नजर से भी बहुत चिंताजनक है। ऐसे में सरकार इसे बैन करने को सकारात्मक रूप में देख रही है।

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