संपादक, न्यूज़NORTH
Manoj Jarange Ends Protest On Maratha Reservation: महाराष्ट्र से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है, जो जाहिर तौर पर राज्य सरकार के लिए भी राहत का विषय है। मराठा आरक्षण की माँग को लेकर विरोध प्रदर्शन का चेहरा बनकर उभरे मनोज जरांगे पाटिल ने अपना अनशन समाप्त कर दिया है। दिलचस रूप से इस दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी मंच पर मौजूद रहे।
मनोज जरांगे ने यह निर्णय तब लिया जब महाराष्ट्र सरकार द्वारा उनकी सभी माँगों को स्वीकार कर लिया गया। इसके बाद उन्होंने अपने समर्थकों की भारी भीड़ के बीच अनशन खत्म करने का ऐलान किया।
Manoj Jarange Ends Protest
मनोज जरांगे को खुद मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से जूस पिलाकर उनका अनशन खत्म करवाया। इस दौरान मंच पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और मनोज जरांगे के साथ भाजपा नेता गिरीश महाजन, और मंत्री दीपक केसरकर भी उपस्थित नजर आए। भुख हड़ताल समाप्त किए जाने के पीछे का बड़ा कारण है राज्य सरकार द्वारा मनोज जरांगे को आरक्षण संबंधी मांगों का अध्यादेश सौंपा जाना।
इस दौरान मनोज जारंगे पाटिल ने अपने समर्थकों के भारी हुजूम को संबोधित करते हुए कहा;
“महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अच्छा काम किया है। मुख्यमंत्री ने हमारी माँगों को मान लिया है, जिसके चलते अब हमारा विरोध प्रदर्शन खत्म हो रहा है।”
“सीएम ने हमारा अनुरोध स्वीकार कर लिया गया है, इसलिए हम उनका पत्र स्वीकार करेंगे और मुख्यमंत्री के हाथ से जूस पीकर अनशन खत्म कर रहे हैं।”
#WATCH | Maharashtra CM Eknath Shinde and Maratha quota activist Manoj Jarange Patil together garland the statue of Chhatrapati Shivaji Maharaj in Navi Mumbai
Patil is ending his fast today after the state government accepted the demands. pic.twitter.com/CxI3FPez0Z
— ANI (@ANI) January 27, 2024
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जरांगे ने दिया था 24 घंटे का अल्टीमेटम
इसे महाराष्ट्र सरकार की एक बड़ी सफ़लता के रूप में भी देखा जा रहा है। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि मराठा आरक्षण को लेकर काफी समय से महाराष्ट्र में विरोध प्रदर्शन के चलते दोनों पक्षों में तनाव की स्थिति बनी हुई थी।
जरांगे ने एक दिन पहले ही अपनी माँगो को दोहराते हुए सरकार से 24 घंटे के भीतर समाधान निकालने की माँग करते हुए अल्टीमेटम दिया था। नवी मुंबई में एक सभा के दौरान उन्होंने यह बात कही थी और अपनी कुछ माँगों को फिर से दोहराया था।
असल में मनोज जरांगे मराठा समुदाय के लिए ओबीसी की तर्ज पर सरकारी नौकरी और शिक्षा में आरक्षण की मांग कर रहे हैं। उनका लगातार कहना रहा है कि मराठा समुदाय को भी आरक्षण का हक मिलना चाहिए। इसके साथ ही आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज केसों को जल्द से जल्द रद्द करने की भी माँग रखी गई थी।
खत्म हुआ मराठा आंदोलन
कल से ही यह खबरें सामने आ रहीं थी कि महाराष्ट्र सरकार ने प्रदर्शनकारियों की तमाम माँगो को स्वीकार कर लिया है, ऐसे में गतिरोध जल्द समाप्त हो सकता है। लेकिन इसको लेकर मनोज जरांगे या उनकी टीम की ओर से किसी भी तरह की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई थी, जिसकी वजह से संशय बरकरार रहा। लेकिन अब जब मनोज जरांगे पाटिल ने खुद अनशन खत्म करने के साथ ही प्रदर्शन समाप्त करने का ऐलान कर दिया था, तो ऐसे में राज्य सरकार के लिए यह एक राहत की खबर है।