Swiggy Hikes Price (As Platform Fee Upto Rs 10): फूड डिलीवरी ऐप Swiggy से खाना ऑर्डर करना अब थोड़ा महँगा हो सकता है। सामने आ रही खबरों के अनुसार, Swiggy ने प्लेटफॉर्म फीस को दोगुना करते हुए ₹5 से बढ़ाकर ₹10 करने का मन बनाया है। दिलचस्प रूप से यह कदम ऐसे समय में उठाया जा रहा है, जब कंपनी इस साल के अंत तक आईपीओ दायर करने जा रही है।
जी हाँ! इसका खुलासा MoneyControl की एक रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरु आधारित इस फूड डिलीवरी कंपनी ने फिलहाल अपने चुनिंदा ग्राहकों के लिए अपने ऐप पर नई फीस बढ़ौतरी की टेस्टिंग शुरू की है।
Swiggy Hikes Price
आपको याद दिला दें, Swiggy द्वारा ने प्लेटफॉर्म फीस की शुरुआत अप्रैल 2023 में की गई थी, तब इसे ₹2 के शुल्क के साथ शुरू किया गया था। जानकारों के मुताबिक, ग्राहकों द्वारा ऑर्डर की संख्या पर इसका बहुत अधिक प्रभाव ना पड़ने के चलते, Swiggy ने प्लेटफॉर्म फीस को सभी यूजर्स के लिए लागू कर दिया था और इसे बढ़ाकर ₹5 कर दिया गया था।
जाहिर है हर ऑर्डर ओर प्लेटफ़ॉर्म फीस जुड़ जाने के बाद कंपनी के लाभ में वृद्धि होती है। ऐसे में कंपनियाँ बेशक यह प्रयास करती हैं कि इसकी अधिकतम उचित दर निर्धारित की जा सके।
दिलचस्प यह है कि रिपोर्ट के अनुसार, जिन चुनिंदा यूजर्स के साथ इस बढ़ी हुई फीस की टेस्टिंग की गई, उन्हें ₹10 का बढ़ा शुल्क दिखाया गया, लेकिन चेकआउट के दौरान डिस्काउंट के तहत इसे पुनः ₹5 कर दिया गया। ऐसे में फिलहाल यह सिर्फ एक प्रयोग कहा जा सकता है।
रिपोर्ट में Swiggy के प्रवक्ता के हवाले से यह कहा गया;
“कंपनी अपनी प्लेटफॉर्म फीस में किसी तरह का बदलाव नहीं कर रही है। हम सिर्फ उपभोक्ताओं की पसंद को बेहतर ढंग से समझने के लिए हमेशा छोटे-छोटे प्रयोग करते रहते हैं। यह भी एक ऐसा ही प्रयोग है, और यदि यह हमारे उपयोगकर्ताओं को बेहतर सेवा प्रदान करने के हमारे लक्ष्य को पूरा नहीं करता है, तो हम भविष्य में इसे बढ़ा भी सकते हैं और नहीं भी।”
Zomato भी नहीं पीछे
वैसे Swiggy के प्रतिद्वंदी Zomato भी इस मामले में पीछे नहीं है। बीतें समय में Zomato भी अपने राजस्व और मुनाफे को बढ़ाने के लिए प्लेटफ़ॉर्म फीस के साथ प्रयोग करता नजर आता रहा है।
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असल में अधिक प्लेटफ़ॉर्म फीस वसूलना इन कंपनियों के द्वारा आजमाए जाने वाले उन तरीकों में से एक है जिसके तहत कंपनी मुनाफे को बढ़ाने का प्रयास करती हैं। वैसे इन तरीकों में विज्ञापन आदि से होने वाली आय भी शामिल है। जानकारों के अनुसार, फिलहाल ये कंपनियाँ रेस्तरां भागीदारों के संबंध में कमीशन फीस बढ़ाने से बच रहीं हैं, और इसलिए वैकल्पिक तरीके तलाशे जा रहे हैं।