India take strict action Chinese loan apps: चीन और चीनी कंपनिया भारत के गले की हड्डी बने हुए है। पहले चीनी ऐप tiktok और अन्य कंपनियों के ऊपर भारतीय लोगों के डेटा के चुराने के आरोप लगे अब ऐसे ही चीनी ऋण ऐप कंपनियों द्वारा कथित तौर पर भारतीय नागरिकों से धोखाधड़ी जालसाजी जबरन वसूली उधारकर्ताओं को मानसिक तनाव देना जैसी बातें निकलकर आई है।
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मनी कंट्रोल में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, चीनी कंपनियों की अनियमिताएं को लेकर कंपनियों के ठिकानों में छापे मारे गए थे। इन छापों के दौरान दिल्ली, मुंबई और कोलकाता समेत कई शहरों में कंपनियों के ऊपर कथित रूप से कंपनी एक्ट के उल्लंघन के आरोप लगे थे।
अब इन छापों के बाद जोनल टीम अपनी शुरुआती रिपोर्ट कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को सौंपने जा रही है। 2-3 महीने बाद अंतिम रिपोर्ट में ऐसी कंपनियों के ऊपर मंत्रालय बड़ी कार्रवाई कर सकता है।
India take strict action Chinese loan apps: कार्पोरेट कार्य मंत्रालय की 665 चीनी कंपनियों के खिलाफ जांच
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आरोप सिद्ध हो जाने या रिपोर्ट में गड़बड़ी निकलने के पश्चात ऐसी कंपनियों और ऐप्स के ऊपर फंड फ्रीज और पंजीकरण रद्द जैसी कार्यवाई की जा सकती है।
जानकारी के अनुसार कार्पोरेट कार्य मंत्रालय इस समय 665 चीनी कंपनियों के खिलाफ जांच कर रहा है। इनमें आसानी से लोन देकर लोगों से धोखाधड़ी करने वाली ऐप्स भी शामिल हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में इन ऐप्स के खिलाफ जांच में जुटा हुआ है। इन ऐप्स पर आरोप है कि ये लोन के लिए आवेदन करने वाले लोगों का डेटा इकट्ठा करती है और प्रोसेसिंग फीस लेकर लोगों को अधर में छोड़ देती है साथ ही किसी भी प्रकार का लोन अमाउंट जारी नही करती है।
गौरतलब है, कई प्रकार की चीनी कंपनिया भारत के अंदर गैर कानूनी तरीके से संचालित हो रही है, जिसके संचालन में देश को आर्थिक आधार में नुकसान पहुंच रहा है, पिछले कुछ सालों में भारत सरकार ने देश की संप्रभुता, राष्ट्रहित और राज्य की सुरक्षा के लिए हानिकारक बताते हुए करीब 250 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया है।
अब फिर से देश के अंदर ऐसी वेबसाइट और कंपनियों को चिन्हित किया गया है,जो भारत सरकार की आर्थिक स्थिति कमजोर करने के लिए देश के अंदर गैर कानूनी तरीके से संचालित की जा रही हैं,केंद्रीय एजेंसियों ने वित्तीय हेर – फेर, ब्लैकमेलिंग, इनवेस्टमेंट के नाम में धोखाधड़ी,व्यक्तिगत जानकारी डेटा चोरी जैसे कार्यों में संलिप्त ऐसी ऐप्स और कंपनियों के खिलाफ़ कार्यवाई करने का विचार बना लिया है।