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कक्षा 2 की किताब सही ढंग से नहीं पढ़ पाते 14-18 साल के 25% बच्चे: सर्वे

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प्रतीकात्मक तस्वीर

ASER’s Shocking Statistics School Education: भारत में मुख्य रूप से शिक्षा क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करते हुए सामाजिक क्षेत्र के कार्यक्रमों और नीतियों के प्रभाव पर बड़े पैमाने पर साक्ष्य जुटाने वाली संस्था ASER ने अपनी एक नई रिपोर्ट में चौकाने वाले आंकड़े प्रस्तुत किये है।

इस वर्ष की नवीनतम वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट (एएसईआर) जारी कर दी गई है। रिपोर्ट इस बार 28 जिलों में सर्वे करके तैयार की गई है। पिछले वर्ष इस रिपोर्ट को सिर्फ 26 जिलों में ही सर्वे करके तैयार किया गया था, इस बार देश के 26 राज्यों के 28 जिलों के 34,745 छात्रों का सर्वेक्षण किया गया है।

ASER’s Shocking Statistics School Education: 42.7% स्टू़डेंट्स अंग्रेजी में वाक्य पढ़ने में असक्षम

इस सर्वेक्षण के दौरान चौकाने वाले आंकड़े सामने आए संस्था ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि, देश में 14 से 18 वर्ष की आयु के लगभग 25 फीसदी छात्र कक्षा 2 तक के पाठ आसानी से नहीं पढ़ पाते हैं, वहीं इस आयु वर्ग के तकरीबन 42.7% स्टू़डेंट्स अंग्रेजी में वाक्य पढ़ने में असक्षम हैं।

रिपोर्ट में सम्मिलित छात्रों में शासकीय संस्था के बच्चों के साथ प्राइवेट स्कूलों के बच्चों को भी सम्मालित किया गया था।

अंक गणित के मामले में छात्रों की गुणवत्ता स्तर में भी सुधार नहीं दिखता है,रिपोर्ट में मिले आंकड़ों के अनुसार अंकगणित में 2017 में 39.5% युवा सरल तीसरी चौथी कक्षा की विभाजन समस्या को हल कर सकते थे, जबकि 2023 में, यह अनुपात थोड़ा अधिक 43.3% है।

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देश में आधे से अधिक छात्र विभाजन (3-अंकीय 1-अंक) की समस्याओं से जूझते हैं। 14-18 साल के केवल 43.3% बच्चे ही ऐसी समस्याओं को सही ढंग से कर पाते हैं जबकि यह स्तर आमतौर पर कक्षा तीसरी और चौथी के छात्रों से अपेक्षित है।

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ASER’s Shocking Statistics School Education: लड़के अंकगणित और अंग्रेजी पाठ पढ़ने में अपने समकक्ष लड़कियों की तुलना में बेहतर

वही जेंडर के आधार में लड़की और लड़को के बीच में की गई तुलना में सामने आया कि लड़कियां 76% अपनी क्षेत्रीय भाषा में कक्षा 2 के स्तर का पाठ पढ़ने में लड़को 70.9% की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करती हैं, जबकि इसके विपरीत,लड़के अंकगणित और अंग्रेजी पाठ पढ़ने में अपने समकक्ष लड़कियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करते हैं।

रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया कि,18 साल या उससे ज्यादा उम्र के 32.6 फीसदी लोग किसी स्कूल या कॉलेज में पढ़ाई नहीं कर रहे हैं,साथ ही 14 साल से कम उम्र के 3.9 फीसदी युवा पढ़ाई नहीं कर रहे, वहीं 16 साल के 10.9% फीसदी युवा कहीं पढ़ाई नहीं कर रहे।

हालांकि रिपोर्ट में एक सकारात्मक बात यह निकलकर आई, जो दावे किए जा रहे थे कि COVID 19 के बाद आर्थिक संकट के चलते बड़ी संख्या में बच्चों ने पढ़ाई छोड़ी है तो इन दावों को लेकर अनुमान निराधार निकला।

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