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NASA X-59: नासा ने लॉन्च किया ‘आवाज की रफ्तार’ से भी तेज सुपरसोनिक प्लेन!

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NASA X-59 Quiet Supersonic Jet: आखिरकर! अमेरिका की प्रतिष्ठित अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) और लॉकहीड मार्टिन (Lockheed Martin) ने बिना अधिक आवाज किए ध्वनि की रफ्तार से भी तेज चल सकने वाले अपने ‘X-59 सुपरसोनिक जेट’ को लॉन्च कर दिया है। जानकारों के अनुसार, यह सैन्य और नागरिक हवाई विमान क्षेत्र में क्रांति लाते हुए, दोनों क्षेत्रों में भविष्य को एक नया आकार प्रदान करेगा।

यह असल में इसे कमर्शियल सुपरसोनिक विमान की कल्पना को वास्तविकता में बदलने से संबंधित अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के मिशन का ही एक हिस्सा माना जाता है। इस क्रम में शुक्रवार को कैलिफोर्निया के पामडेल में लॉकहीड मार्टिन के साथ एक संयुक्त समारोह में नासा ने X-59 नामक इस प्रायोगिक (एक्सपेरिमेंटल) विमान से पर्दा उठाया।

NASA X-59 Quiet Supersonic Jet – फीचर्स

इस विमान की सबसे बड़ी खूबी इसके नाम के साथ लगा ‘सुपरसोनिक‘ का तमगा ही बयाँ करता है। मतलब ये कि NASA का X-59 ध्वनि की रफ्तार से भी 1.4 गुना अधिक स्पीड से उड़ान भरने में सक्षम है। आसान भाषा में कहें तो X-59 लगभग 925 मील प्रति घंटे (या 1,488 किमी/घंटा) की रफ्तार से उड़ान भर सकता है।

इस विमान की लम्बाई 99.7 फीट (30.4 मीटर) और चौड़ाई 29.5 फीट बताई जाती है। इसमें आगे की ओर एक पतली नाक-नुमा डिजाइन प्रदान की गई है, जो अकेले विमान की पूरी लंबाई का लगभग एक तिहाई हिस्सा बनाती है।

X-59 सुपरसोनिक जेट की खूबियाँ

असल में इस डिजाइन के साथ विमान को ‘शॉक वेब्स’ को फैलाने में मदद मिलती है, जो ध्वनि की रफ्तार से उड़ते वक्त आम तौर पर सुपरसोनिक विमानों को मानों घेर सा लेती हैं।

इतना ही नहीं बल्कि विमान की सुपरसोनिक क्षमताओं को और बढ़ाने के लिए इस एयरक्राफ्ट के इंजीनियरों व निर्माताओं ने कॉकपिट को विमान की कुल लंबाई से लगभग आधी दूरी पर बनाया है। साथ ही अक्सर विमानों में आगे की ओर पाई जाने वाली खिड़कियों को भी हटा दिया गया है।

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कैसे तैयार हुआ यह विमान?

आपको बता दें, लॉकहीड मार्टिन स्कंक वर्क्स (Lockheed Martin Skunk Works) बीतें कई सालों से इस सुपरसोनिक विमान पर काम कर रहा है। अपने इस प्रोजेक्ट ‘X-59’ के लिए कंपनी ने साल 2018 में नासा से $248 मिलियन का अनुदान भी हासिल किया था।

यह नासा द्वारा अनुदान यानी वित्तीय सहायता प्राप्त करने वाले उन चुनिंदा शोध कार्यक्रमों (रिसर्च प्रोग्रामों) में से पहला था, जिसे अंतरिक्ष एजेंसी ने उड्डयन जगत को अधिक गति और नए भविष्य का आकार देने के लिए चुना था।

अब तक विमान को हैंगर में अलग-अलग चरणों में ही देखा गया था। लेकिन यह पहली बार है जब इसे आधिकारिक तौरपर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया गया है। वैसे यह भी साफ कर दें कि X-59 एक प्रायोगिक विमान है। यह किसी उत्पादन आदि के लिए तैयार कोई प्रोटोटाइप नहीं है।

इसके निर्माताओं का मकसद फिलहाल महज यह साबित करना है कि एक विमान ध्वनि की गति से भी तेज उड़ान भर सकता है। हालाँकि यह तय है कि आने वाले दिनों में कमर्शिअल फ्लाइट्स में भी इस तरह की तकनीकों के इस्तेमाल की संभावनाएँ तलाशी जाएँगी।

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