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बिहार: शराबबंदी के बाद भी 2023 में 39 लाख लीटर की जब्ती, 1.43 लाख अरेस्ट

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Bihar Seized 39 Lakh Liters Liquor In 2023: बिहार देश के उन चुनिंदा राज्यों में शामिल है जहाँ राज्य सरकार की ओर से शराब की बिक्री आदि पर पाबंदी लगाई गई है, जिसके अक्सर ‘शराबबंदी’ का नाम दे दिया जाता है। वैसे तो बिहार में यह शराबबंदी लागू हुए लगभग 7 सालों का समय बीत चुका है, लेकिन आज भी निरंतर ऐसे मामले सामने आते रहते हैं जब राज्य में बड़े पैमानें पर शराब की बिक्री और सेवन का खुलासा होता रहता है।

इसको लेकर राज्य की पुलिस ‘शराब तस्करों’ को पकड़ने का भी दावा करती रही है और साथ ही गैर-कानूनी रूप से इसका सेवन करने वालों पर भी उचित करवाई किए जाने की खबर सामने आती रहीं हैं। लेकिन राज्य में शराब की सप्लाई पर पूरी तरह रोक लगा पाने के संबंध में हालात सुधरने के बजाए और बिगड़ते ही नजर आ रहे हैं। हम ऐसा हाल में सामने आए आँकड़ो के हवाले से कह रहे हैं।

Bihar Seized 39 Lakh Liters Liquor

असल में बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा सोमवार (8 जनवरी) को कुछ आँकड़े पेश किए गए, जिसके मुताबिक सिर्फ पिछले साल यानी 2023 में ही पुलिस ने राज्य भर में लगभग 25.09 लाख लीटर विदेशी शराब और 14.53 लाख लीटर देशी शराब की खेप बरामद करते हुए, उन्हें जब्त किया है। कुल मिलाकर साल 2023 में बिहार में शराबबंदी के बावजूद कुल लगभग 39.63 लाख लीटर शराब पकड़ी गई।

2023 में 19% तक की वृद्धि

इस प्रकार शराब जब्ती के मामलों में साल 2022 के मुकाबले 2023 में करीब 19% तक की वृद्धि हुई है। बताते चलें साल 2022 में बिहार पुलिस ने 18.63 लाख लीटर विदेशी शराब और 14.64 लाख लीटर देशी शराब समेत राज्य भर से कुल 33.27 लाख लीटर शराब जब्त की थी।

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क्या कहते हैं आँकड़े?

राज्य के अतिरिक्त महानिदेशक (मुख्यालय) जितेंद्र सिंह गंगवार द्वारा साझा किए गए आँकड़ो के अनुसार, साल 2023 में बिहार पुलिस ने इस मामलों के संबंध में 72,000 से अधिक एफआईआर दर्ज कर, 17,183 वाहन जब्त करते हुए लगभग 1.43 लाख लोगों को गिरफ्तारियाँ कीं। इनमें शराब पीने, तस्करी में शामिल होने और शराब बनाने जैसे आरोपों में अरेस्ट हुए लोग शामिल हैं।

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वैसे साल 2022 से तुलना करें तो 2023 में कुल एफआईआर की संख्या लगभग 25% की कमी को दर्शाती है। इसके साथ ही गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या में 16% की गिरावट सामने आई है। साल 2022 में बिहार पुलिस ने शराब जब्ती को लेकर कुल 96,157 एफआईआर दर्ज थीं, और उस दौरान 1.71 लाख लोगों को अरेस्ट किया गया था।

राज्य में शराब की तस्करी को रोकने के लिए पुलिस ने करीब 180 शराब विरोधी टास्क फोर्स टीमों का गठन किया है। एडीजी के अनुसार, बीते 3 सालों में 1215 मामलों में अब तक 1522 लोग को दोषी ठहराया जा चुका है।

बिहार पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए तस्करों में झारखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब, दिल्ली और राजस्थान जैसे राज्यों के लोग भी शामिल हैं। जानकारों का कहना रहा है कि बिहार में शराबबंदी के बाद से ही आसपास के राज्यों के साथ ही साथ नेपाल आदि जगहों से भी प्रदेश भर में शराब की तस्करी की जाती रही है। ऐसे में शराबबंदी को सफलतापूर्वक लागू करते हुए, तस्करों पर पूरी तरह से नकेल कस पाना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

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