4000 years old palace in China: चार हजार साल पुराने महल के मिलने के बाद दुनिया भर के देशों पुरातत्वविदों की नज़रे चीन को देख रही है। मिली जानकारी के अनुसार चीनी शोधकर्ताओं को एक बड़ी खोज में सफलता मिली है। चीन के हेनान प्रांत में शिनमी के पुरातात्त्विक स्थल की खुदाई के बाद शोधकर्ताओं को यह कामयाबी मिली है।
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दरअसल चीन के हेनान प्रांत में शिया राजवंश समय काल के दौरान के एक महल मिला है। जिसके बारे में कहा जा रहा है कि,यह 2070-1600 ईसा पूर्व के दौरान बनाया गया था,जो चीन के पुरातत्विक स्थल शिनमी में प्राप्त हुआ है।
शिनमी चीन का पुरातात्विक शहर है,जो चीन के इतिहास में बहुत अहमियत रखता है,चारों ओर से दीवार से घिरा हुआ यह शहर अवशेषों से भरा हुआ यह पूरा इलाका 17 हेक्टेयर में फैला हुआ है।
आपको जानकारी के लिए बता दे, पुरातत्वविदों ने कुछ साल पहले झेंशुई नदी के पूर्वी किनारे पर इस प्राचीन शहर के अवशेषों को खोजा था। यह प्राचीन शहर करीब 176,000 वर्ग मीटर के आयताकार क्षेत्र में फैला हुआ।
चीनी पुरातत्वविदों ने इस क्षेत्र एक मंदिर में राख के गड्ढों, खाइयों और अन्य वस्तुओं के अवशेष को ढूंढा था। इस स्थान की सबसे महत्त्वपूर्ण खोज मिट्टी के स्तंभों और मिट्टी की दीवारों से बने दो गोलाकार भवनों के अवशेष थे।इनका उपयोग संभवत: अनाज के भंडारण के लिए किया जाता रहा होगा।
4000 years old palace in China: चीन के विशालकाय महल का विश्लेषण
खुदाई के दौरान प्राप्त विशाल महल के अवशेष लगभग 60 मीटर लंबे और 30 मीटर चौड़े हैं, जो 1,800 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल में फैले हुए हैं। यह बीच में ऊंचा है और चारों तरफ नीचा है, जिसके ऊपर समतल सतह और स्तंभों के छेद समान दूरी पर बने हुए हैं। महल के अवशेषों में नींव का ढांचा शामिल है, जो संभवत मिट्टी, चाक या चूने जैसी कच्ची सामग्री को दबाकर बनाया गया।महल के संरचना में बने छेदों से संकेत मिलता है कि यह कैसे दिखता होगा।
खुदाई दल के प्रमुख ली बो ने चीनी समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया कि उनका मानना है कि, ये छेद दर्शाते हैं कि
‘नींव दक्षिण और उत्तर में छतों, पूर्व और पश्चिम में बरामदों और बीच में एक आंगन के साथ एक आवास परिसर से संबंधित थी।’
गौरतलब है, चीन की प्राचीन सभ्यता का उदय ह्वांग्हो (ह्वांगहो) नदी के निचले हिस्से बेसिन में हुआ था। चीनी लोग इसे पीली नदी कहते थे।इस नदी का उद्गम तिब्बत की पहाड़ियों से होता है,जो बहती हुई प्रशांत महासागर में मिलती है।