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बाबरी विध्वंस मामले में 31 साल बाद एक गिरफ्तारी, जानें क्या है पूरा मामला?

Arrest in Babri demolition case after 31 years

iomage credit: official page of the chif minister of karnataka

Arrest in Babri demolition case after 31 years: अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन से पूर्व एक राम भक्त की गिरफ्तारी को लेकर सियासत गर्मा गई है। भाजपा नेता कर्नाटक सरकार के ऊपर गड़े मुर्दे उखड़ाने का आरोप लगाते हुए एक गिरफ्तारी को बदले की भावना से प्रेरित कारसेवक को परेशान करने वाली कार्यवाई बता रही है।

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दरअसल कर्नाटक में बावरी विध्वंश के बाद हुए दंगे को लेकर राज्य में हुबली के प्रदर्शन के दौरान एक समुदाय की दुकान जलाने के आरोप में 50 वर्षीय कारसेवक श्रीकांत पुजारी को आरोपी बनाया गया था।मामले के 31 साल बीत जाने के बाद अब पुजारी की गिरफ्तारी की गई है।

ऐसे में भाजपा इस गिरफ्तारी पर सख्त विरोध जताते हुए पुजारी के खिलाफ कार्रवाई को गलत बता रही है।

Arrest in Babri demolition case after 31 years

भाजपा ने पूरे मामले में कहा है कि, SDPI और PFI को फ्री छोड़ देने वाले जानबूझकर 31 साल बाद राम भक्त को गिरफ्तार कर रहे हैं, क्योंकि राम मंदिर इनकी आंखों में खटक रहा है।

इसके विरोध में भाजपा 3 जनवरी को पूरे कर्नाटक में गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन करेगी।

वही इस मामले को लेकर कर्नाटक  पुलिस  का कहना है, कई मामलों में, आरोपी फरार हो जाते हैं। फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए समय-समय पर अभियान चलाया जाता है। 1992 में हुए दंगे के एक मामले में श्रीकांत को पकड़ा गया है।

कर्नाटक सीएम सिद्दारमैया ने इस पूरे मामले को लेकर अपनी बात रखी सीएम ने कहा कि,

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अगर किसी ने गलती की है तो हम क्या करेंगे? जिसने अपराध किया क्या हम उसे खुला छोड़ दें। हमारी सरकार सारे पुराने मामले खत्म करेगी,पुलिस ने कानून के हिसाब से काम किया है। ये कोई नफरत की राजनीति नहीं है,किसी निर्दोष को हमने गिरफ्तार नहीं किया।

Arrest in Babri demolition case after 31 years: गिरफ्तारी को लेकर भाजपा आक्रामक

भाजपा के नेताओ ने राज्य की कर्नाटक सरकार को हिन्दू विरोधी बताया है। साथ ही राज्य के सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ कल पूरे राज्य में मुख्य रूप से फ्रीडम पार्क में एक विशाल विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है।

केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी का कहना है कि कांग्रेस पार्टी देश और राज्य में भ्रमित है। कांग्रेस नहीं चाहती थी कि राम मंदिर हो। वे अब परेशान और चिंतित हैं। उन्होंने राम मंदिर का विरोध किया।

कारसेवक की गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा कि, जब लोग किसी बात से सहमत नहीं होते हैं, तो वे पुराने मामले खोलते हैं। अब वे पुराने मामले खोल रहे हैं और लोगों को गिरफ्तार कर रहे हैं। यह राम मंदिर के विरोध में गिरफ्तारी है।

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