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2 साल में कबाड़ बेचकर सरकार को हुई ₹1163 करोड़ की कमाई, चंद्रयान-3 के बजट से दोगुनी रकम

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Image: ISRO

Government earned double money spent on Chandrayaan Mission selling scrap:रद्दी से जुगाड कुछ ऐसा ही देश का हाल है,जी हां! देश में मोदी सरकार ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। केंद्र की मोदी सरकार ने रद्दी बेचकर करोड़ों रुपयो की कमाई की है। कमाई भी इतनी की भारत के दो चंद्रयान मिशन में लगने वाले पैसे का खर्च का जुगाड हो जाएं।

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दरअसल केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार विभागों में एकत्र हुए पुराने फर्नीचर बेकार कागजी फाइल, ऑफिस के बेकार उपकरणों कंडम गाड़ियों कुल मिलाकर विभिन्न विभागों से निकलने वाले कबाड़ से 2021 से अब तक ₹1163 करोड़ की आमदनी बना चुकी है। इसी साल अक्टूबर महीने में दफ्तरों की सफाई के दौरान निकले कबाड़ बेचकर ₹557 करोड़ की राशि जोड़ी गई।

Government earned selling scrap: सबसे अधिक कमाई रेल मंत्रालय से

केंद्र सरकार ने 2023 में रद्दी बेचकर ₹556 करोड़ की कमाई की है। सबसे अधिक कमाई रेल मंत्रालय को हुई है। इसने करीब ₹225 करोड़ की रद्दी बेची। केंद्र सरकार के अन्य प्रमुख मंत्रालयों में रक्षा मंत्रालय ₹168 करोड़, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ₹56 करोड़ और कोयला मंत्रालय ₹34 करोड़ राशि की रद्दी बेची गई हैं।

रिपोर्ट के अनुसार इन रद्दियो के खत्म होने के बाद इन विभागों के विभिन्न दफ्तरों में 164 लाख वर्ग फुट जगह में से कोयला मंत्रालय में सबसे अधिक 66 लाख वर्ग फुट और भारी उद्योग मंत्रालय में 21 लाख वर्ग फुट जगह खाली हुई है। इसके बाद रक्षा मंत्रालय में 19 लाख वर्ग फुट जगह खाली हुई है।

Government earned selling scrap: सैन्य मामलों के विभाग 3.15 लाख फाइलें हटाई

वर्तमान वर्ष 2023 में करीब 24 लाख फाइलें हटाई गईं।सबसे अधिक विदेश मंत्रालय 3.9 लाख फाइलें हटाई गईं। इसके बाद सैन्य मामलों के विभाग 3.15 लाख फाइलें हटाई गईं। इस सफ़ाई के बाद दफ्तर में काफ़ी एरिया खाली हुआ है। खाली दफ्तर एरिया में गलियारों में सफाई हुई है। खाली जगह का इस्तेमाल अब मनोरंजन केंद्रों और अन्य उद्देश्यों के लिए किया जायेगा।

गौरतलब है, रूस का चंद्रयान मिशन और हॉलीवुड फिल्मों के बजट भी ₹1600 करोड़ से अधिक थे ऐसे में भारत का चंद्रयान मिशन के खर्च की राशि ₹600 करोड़ के करीब थी जिसका जिक्र केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह पूर्व में कर चुके है। अब भारत सरकार के द्वारा बेचे जाने वाली रद्दी की कुल कीमत ₹1100 करोड़ से अधिक की हुई है। ऐसे में रद्दी से होने वाली कुल कमाई और चंद्रयान मिशन में होने वाले खर्च की दोगुनी राशि है।

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