Paytm Layoffs Over 1000 Employees?: साल 2023 की शुरुआत में हर तरफ छंटनी (Layoffs) से जुड़ी खबरें ही सुर्खियों में रही थीं, और अब साल के अंत में फिर एक बार यही ट्रेंड सामने आने लगा है। ताजा मामला विजय शेखर शर्मा के नेतृत्व वाले फिनटेक दिग्गज पेटीएम (Paytm) से जुड़ा है, जिसने सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, अपने 1,000 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फैसला किया है।
जी हाँ! द इकोनॉमिक टाइम्स की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, पेटीएम (Paytm) की पैरेंट कंपनी, वन97 कम्युनिकेशंस (One 97 Communications) ने विभिन्न विभागों से 1,000 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। कथित रूप से कंपनी ने यह कदम ने अपने व्यवसायों को नए सिरे से सुव्यवस्थित बनाने और लगात में कटौती के इरादे से उठाया है।
Paytm Layoffs Over 1000 (~ 10%) Workforce
बताया जा रहा है कि पेटीएम द्वारा की गई इस हालिया छंटनी के चलते कंपनी कुल कर्मचारियों में से लगभग 10% प्रभावित हुए हैं, जिन्हें अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। रिपोर्ट में मामले के जानकार सूत्रों के हवाले से यह बताया गया है कि ये छंटनी पिछले कुछ महीनों के भीतर ही पूरी की गई है।
पेटीएम के विभिन्न विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों को जॉब खोनी पड़ी है। जाहिर है यह अब तक किसी भी भारतीय स्टार्टअप द्वारा की गई सबसे बड़ी छंटनी में से एक के रूप में देखी जा रही है।
हाल में ही सामने आए आँकड़ो के मुताबिक, साल 2023 की पहली तीन तिमाहियों के दौरन ही तमाम भारतीय स्टार्टअप्स की ओर से लगभग 28,000 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा चुका है। वहीं साल 2022 में यह आँकड़ा 20,000 के करीब था, जबकि साल 2021 में 4,000 रहा था।
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मुश्किल समय में Paytm?
इस खबर ऐसे वक्त में सामने आई है जब हाल में ही Paytm ने स्मॉल टिकट कंज्युमर लेंडिंग (उपभोक्ता ऋण) सुविधा को वापस लेने और यूपीआई प्लेटफॉर्म पर इसके ‘बाय नाउ, पे लेटर’ बिजनेस को बंद करने का फैसला लिया है। रिपोर्ट की मानें तो हालिया छंटनी में इन दोनों विभागों के कर्मचारी ही सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
असल में कुछ ही समय पहले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से अनसिक्योर्ड लोन के संबंध में नियमों में कुछ सख्ती की गई थी, जिसका असर पेटीएम समेत तमाम फिनटेक कंपनियों पर भी देखनें को मिला।
कंपनी को एक बड़ा झटका तब भी लगा जब बीते 7 दिसंबर को पेटीएम पोस्टपेड ऋण (Paytm Postpaid Loan) प्लान के बंद होने के चलते इसके स्टॉक में लगभग 20 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई।
वैसे इस साल Paytm के अलावा तमाम भारतीय स्टार्टअप्स बड़े पैमानें में छंटनी करते नजर आए हैं। इसके पीछे दुनिया भर में बने चुनौतिपूर्ण आर्थिक हालातों और निवेश की कमी या ‘फंडिंग विंटर’ आदि को मुख्य वजह बताया जाता रहा है। जानकार कहते हैं कि निवेश के कमी के चलते स्टार्टअप्स अब लगात में कटौती करते हुए लाभप्रदता हासिल करने की विकल्प तलाश रहे हैं।
कुछ ही साम्य पहले भारतीय फिनटेक स्टार्टअप ZestMoney ने तो अपने व्यवसाय को फिर से खड़ा कर पाने के असफल प्रयास के बाद, कंपनी बंद करने का ही ऐलान कर दिया है।