संपादक, न्यूज़NORTH
Arduino Plans To Start Manufacturing in India: लोकप्रिय (खासकर इंजीनियरिंग कॉलेजों में) ऑपन-सोर्स इलेक्ट्रॉनिक माइक्रोकंट्रोलर बोर्ड निर्माता Arduino जल्द भारत में ही अपने प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग करता नजर आ सकता है। जानकारी के मुताबिक, इटली आधारित यह कंपनी भारतीय समेत तमाम बाजारों में नकली उत्पादों के चलन पर अंकुश लगाने और युवाओं के बीच बढ़ती माँग को पूरा करने के मकसद के साथ यह कदम उठा सकती है।
फिलहाल Arduino अगले साल की पहली तिमाही तक देश में स्थानीय स्तर पर उत्पादन शुरू कर सकने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग सर्विस (EMSs) प्रदाताओं की तलाश कर रहा है, ताकि साझेदारी के तहत देश में ही उत्पादों का निर्माण शुरू किया जा सके।
इस बात का खुलासा टेकक्रंच की एक हालिया रिपोर्ट में Arduino के सीईओ फैबियो वायलेंटे (Fabio Violante) के वर्चूअल इंटरव्यू के हवाले से किया गया है। संभावना यही जताई जा रही है कि अगले साल तक देश में मेड-इन-इंडिया Arduino माइक्रोकंट्रोलर बोर्ड बिकते नजर आ सकते हैं।
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यह इसलिए भी और दिलचस्प हो जाता है क्योंकि अब तक Arduino अपने सभी छोटे-बड़े उत्पादों का निर्माण सिर्फ इटली के भीतर ही करता आता है। ऐसे में अगर कंपनी दक्षिण एशियाई देश में निर्माण क्षमता को शिफ्ट करती दिखाई देती है, तो यह इसकी रणनीति के लिहाज से एक बड़ा बदलाव माना जा जाएगा।
Made In India Arduino Boards: क्या है वजह?
भारत Arduino के लिए हमेशा से एक अहम बाजार रहा है। देश में Arduino IDE लगभग 32 लाख डाउनलोड का आँकड़ा पर कर चुका है। इतना ही नहीं बल्कि भारत में ग्लोबल Arduino डिस्ट्रिब्युटडिस्ट्रीब्यूटर्स ने स्थानीय शाखाएँ भी खोल रखी हैं, जिनमें DigiKey, Mouser Electronics और Avnet जैसे दिग्गज नाम शामिल हैं।
लेकिन आपको शायद यह जानकार हैरानी होगी कि भारत में Arduino का ग्राहक आधार वर्तमान में लगभग 1% से भी कम है। इसके पीछे का एक बड़ा कारण नकली Arduino बोर्ड की उपलब्धता को भी माना जाता है।
असल में Arduino के असली बोर्ड के ‘क्लोन’ (या नकली बोर्ड) बाजार में आधी कीमत पर मिल जाते हैं, जिसके चलते कंपनी के Arduino IDE डाउनलोड की संख्या तो बहुत अधिक है, लेकिन बोर्ड खरीदने वाले अधिकतर नकली बोर्ड का ही रूख करते हैं।
क्यों ज़्यादा हैं Arduino बोर्ड की कीमतें?
भारत में माइक्रोकंट्रोलर बोर्ड की कीमतों के अधिक होने के विषय में Arduino के सीईओ का कहना है कि इसके पीछे की मुख्य वजह भारी आयात शुल्क (इंपोर्ट ड्यूटी) है। वहीं बोर्ड के क्लोन आसानी से और सस्ती कीमतों पर उपलब्ध हो जाते हैं क्योंकि कभी-कभी वह चीन में बने नकली उत्पाद ही होते हैं।
दिलचस्प रूप से Arduino नकली उत्पादों की समस्या का सामना सिर्फ भारतीय बाजार में ही नहीं कर रहा है, बल्कि कंपनी के मुताबिक, फिलहाल बाजार में बिक रहे हर एक असली बोर्ड की तुलना में 5 से 6 नकली बोर्ड बिक रहे हैं।
ऐसे में संभावना यह भी है कि कंपनी भारत में बनाए जा सकने वाले बोर्ड आदि का निर्यात भी करें, जो भारत सरकार की योजनाओं ने भी मेल खाता है। हम सब जानते हैं कि केंद्र सरकार लगातार मेड-इन-इंडिया और पीएलआई (PLI) जैसी स्कीमों के साथ स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए देश-विदेश से तमाम कंपनियों को आकर्षित करने की कोशिश कर रही है।